tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post3922261657249520507..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: विपत्ति कसौटी जे कसे सोई सांचे मीत .....वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-38139588861148451042010-04-09T19:06:26.831-07:002010-04-09T19:06:26.831-07:00सही है.. विद्वान भी यहाँ पठन श्रवण लाभ कर रहे हैं ...सही है.. विद्वान भी यहाँ पठन श्रवण लाभ कर रहे हैं ! <br /><br />तुलसी बाबा की उक्तियों के आगे कौन ठहरे भला ! अपरिमित ज्ञान-राशि बिखरी है रामचरितमानस में ! इष्ट-ग्रंथ है यह तो हम सबका !Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-51718033480107168682010-03-28T18:14:35.573-07:002010-03-28T18:14:35.573-07:00इस लाईन को सुधारें -
जे न मित्र दुःख होहिं दुखारी ...इस लाईन को सुधारें -<br />जे न मित्र दुःख होहिं दुखारी तेहिं विलोकत पातक भारी<br />आपमें तो एक श्रेष्ठ कथा वाचिका के गुण हैं<br />विद्वान भी यहाँ पठन श्रवण लाभ कर रहे हैं -Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-65950378009390815922010-03-27T01:42:34.855-07:002010-03-27T01:42:34.855-07:00ओह....मन मुग्ध कर लिया आपने....
परम हितकारी अतिसु...ओह....मन मुग्ध कर लिया आपने....<br /><br />परम हितकारी अतिसुन्दर आलेख...<br /><br />साधुवाद....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-34931430052084242582010-03-26T08:52:17.284-07:002010-03-26T08:52:17.284-07:00आपकी पोस्ट, ब्लॉग पर चल रहे आजकल के लेखन कला से थो...आपकी पोस्ट, ब्लॉग पर चल रहे आजकल के लेखन कला से थोडा हट कर,कुछ नया ज्ञान देती रहती है,ऐसा नहीं है कि इन बातों या तथ्यों से हम अनजानहैं ,लेकिन आप द्वारा उन्हें एक साथ समेट देना बड़ी बात है. इस लिए ऐसी पोस्ट मेरी नजर में सम्माननीय श्रेणी में आ जातीं है.यही असली बात है जिस लिए हम सब ब्लोगिंग में हैं-कुछ विशेष नया-जानकारी भरा -वर्ना तो ब्लाग जगत में आज -कल क्या लिखा - पढ़ा जा रहा है आप देख ही रहीं हैं..<br />आपकी लगातार पोस्ट बहुत ही उम्दा हैं, मेरी नजर में.<br />ऐसे ही ज्ञान के मोतियों की वर्षा करती रहें.बहुत धन्यवाद.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-19054955233908594342010-03-26T05:36:39.609-07:002010-03-26T05:36:39.609-07:00Bahut pate ki baat batai...sarthak lekh.Bahut pate ki baat batai...sarthak lekh.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-17279704511279363252010-03-26T02:26:11.167-07:002010-03-26T02:26:11.167-07:00बहुत ही सार्थक और सारगर्भित आलेख...आजकल तो यह ब्लॉ...बहुत ही सार्थक और सारगर्भित आलेख...आजकल तो यह ब्लॉग अपने नाम के अनुरूप ही बस ज्ञान की ही वाणी बोल रहा है.:)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-61773301565615578512010-03-26T00:22:04.244-07:002010-03-26T00:22:04.244-07:00अच्छा मित्र, मित्र नहीं खुदा होता है....
महसूस तब ...अच्छा मित्र, मित्र नहीं खुदा होता है....<br />महसूस तब होता है...जब जुदा होता है.....कृष्ण मुरारी प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00230450232864627081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-8990488411953621722010-03-25T23:47:59.963-07:002010-03-25T23:47:59.963-07:00बहुत ही सार्थक आलेख |दुष्टों और सच्चे मित्रो की पह...बहुत ही सार्थक आलेख |दुष्टों और सच्चे मित्रो की पहचान करने का आभार |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-54608981414181661542010-03-25T23:23:49.202-07:002010-03-25T23:23:49.202-07:00बहुत ही सारगर्भित आलेख्।बहुत ही सारगर्भित आलेख्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-1148287879798181232010-03-25T22:34:21.221-07:002010-03-25T22:34:21.221-07:00आपकी राम नवमी निश्चित रूप से सार्थक हुयी है ...एक ...आपकी राम नवमी निश्चित रूप से सार्थक हुयी है ...एक ओर जहाँ आपने खुद लाभ उठाया है वहाँ दूसरों को भी लाभान्वित कर रही हैं...<br />इस लेख के माध्यम से हर व्यक्ति को स्वयं को पहचानने का अवसर भी मिल रहा है...<br />उत्तम लेख के लिए बधाईसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-81976145555704016722010-03-25T21:53:21.636-07:002010-03-25T21:53:21.636-07:00अत्यंत सारगर्भित आलेख. शुभकमनाएं.
रामराम.अत्यंत सारगर्भित आलेख. शुभकमनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-82552384716626915672010-03-25T20:16:48.070-07:002010-03-25T20:16:48.070-07:00शानदार आलेख.शानदार आलेख.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-39906279918932349802010-03-25T18:38:06.669-07:002010-03-25T18:38:06.669-07:00जो ना मित्र दुख होहिं दुखारी। तिनहिं बिलोकत पातक भ...जो ना मित्र दुख होहिं दुखारी। तिनहिं बिलोकत पातक भारी।।<br /><br />सार्थक रचना है आपकी।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-41182465949760796302010-03-25T18:23:06.065-07:002010-03-25T18:23:06.065-07:00वाणी,
बहुत ही सुन्दर आलेख, यूँ तो जाने क्या-क्या ढ...वाणी,<br />बहुत ही सुन्दर आलेख, यूँ तो जाने क्या-क्या ढूंढती रहती हूँ पढने के लिए...आज कल ब्लॉग में काम की चीज़ ही नज़र नहीं आती...मैं खुद भी अनाप-शनाप लिखती रहती हूँ...लेकिन तुम्हारे ब्लॉग में आकर काम की चीज़ मिल रही है...कल दुष्टों की बात की आज मित्रों की ...तुलसीदास ने भी कहा है 'धीरज धर्म मित्र और नारी, आपात काले परखिये चारी'<br />और तुमने तो सारे गुण-अवगुण गिना दिए...बहुत ही सुन्दर....इन व्याख्याओं से निश्चय ही मित्रों की पहचान हो जायेगी...और जो अच्छे मित्र बनना चाहते हैं और अगर उनमें कोई कमी है (उदहारण 'अदा' ) वो अपने में कुछ बदलाव ले आयेंगे...<br />हमेशा की तरह, सुन्दर, सार्थक, सम्पूर्ण, सुव्यवस्थित, सुघड़, सुरुचिपूर्ण, सटीक और सुसंस्कृत आलेख....<br />सादर...:)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.com