tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post5834550034241627453..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: मुस्कराहट एक बड़ा हथियार है !!वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-28054998214804540862012-10-14T07:03:55.855-07:002012-10-14T07:03:55.855-07:00गंगा किनारे मेरी पत्नीजी की भी चप्पल टूट गयी। पहले...गंगा किनारे मेरी पत्नीजी की भी चप्पल टूट गयी। पहले झेंपीं, खिसियायीं। फिर जब उन्हे झटक दिया तो मुस्कान और सुकून हावी हो गये मन पर! Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-19623632568647728012012-10-11T10:05:17.323-07:002012-10-11T10:05:17.323-07:00बिल्कुल नहीं, असंभव है ऐसा अपनापन।बिल्कुल नहीं, असंभव है ऐसा अपनापन।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-75500740210422273762012-10-08T21:44:15.370-07:002012-10-08T21:44:15.370-07:00ये परिवार की भावना ही हमारी संस्कृति का आधार है, ...ये परिवार की भावना ही हमारी संस्कृति का आधार है, बस इसे ही बचाए रखने की आवश्यकता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-5023929430568710012012-10-08T00:16:54.093-07:002012-10-08T00:16:54.093-07:00apke prasang par apne aap hi muskurahat is baat pa...apke prasang par apne aap hi muskurahat is baat par aur gahra gayi jahan aapke pita ji ne aapko samjhaya ki jitna chidhogi utna chidhayenge...so chidhna chhod do...mera chhota beta mujhse bahut chuhul-baziya karta hai jis se kayi baar me bhi chidh jati hun...tab bada beta yahi shabd bolta hai...mummy jitna aap chidhogi vo apko aur chidhayega...aap chidhna chhod do...2-3 bar vo apko tang karke jab koi response nahi payega to chidhana chhod dega...lekin mujhme bhi itni dheeraj kahan ki uska chidhana chup-chap bardaasht karti rahun...aur har baar means din me ek baar to ye sab jaroor ho jata hai. aaj se aise avsar par aapka lekh yaad aana bhi shamil ho gaya hai...lekin asal me main kayi baar jaan-boojh kar bhi uske chidhane par chidhne ka upkram karti hun...mahol ko paarivarik prem sambandhon me sarabor rakhne ke liye. :-)अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-30853244613731857372012-10-07T08:25:13.421-07:002012-10-07T08:25:13.421-07:00बहुत ही अच्छा संस्मरण..
मुस्कराहट एक बड़ा हथियार ह...बहुत ही अच्छा संस्मरण..<br />मुस्कराहट एक बड़ा हथियार है ..<br />सहमत हूँ...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-48196097246585369272012-10-07T05:17:23.934-07:002012-10-07T05:17:23.934-07:00वो दौर तो अब खत्म होता जा रहा है जब पराये भी अपनाप...वो दौर तो अब खत्म होता जा रहा है जब पराये भी अपनापन रखते थे और उन से रिश्ते बिलकुल घर की तरह होते थे. अब तो मुस्कराने पर भी झगडा हो जाये चिढाने की बात तो बहुत दूर.<br /><br />बढ़िया संस्मरण.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-1911061031106813852012-10-07T03:17:23.989-07:002012-10-07T03:17:23.989-07:00अविश्वास के इस दौर में जीने वाले हमलोग ...सोचती हू...अविश्वास के इस दौर में जीने वाले हमलोग ...सोचती हूँ ,क्या हमारे बाद वाली पीढ़ी की स्मृतियों में भी ऐसा अपनापन संभव हो सकेगा !!!.....बेहद सार्थक प्रश्न सोचने पर विवश करता शायद रामावतार आज भी हैं पर सहमे सहमे भौतिकवादी युग में लंगडाना भूल चुके हैं...आभार भाव विभोर करने वाली प्रस्तुति....अनुभूतिhttps://www.blogger.com/profile/17816337979760354731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-46884174688999799332012-10-06T15:24:33.661-07:002012-10-06T15:24:33.661-07:00बिल्कुल सही बहुत हद बचाव हो जाता है..... हर हाल म...बिल्कुल सही बहुत हद बचाव हो जाता है..... हर हाल में मुस्कराहट मददगार है डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-7402860451934840212012-10-06T07:19:14.311-07:002012-10-06T07:19:14.311-07:00अगली पीढ़ी के भाग्य में भी अपनापन तो होगा ही, बेशक...अगली पीढ़ी के भाग्य में भी अपनापन तो होगा ही, बेशक वर्चुअल वाला हो।<br />आपके संस्मरण जैसे वाकये जिन्दगी के कई पाठ सहज ही पढ़ा जाते हैं।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-30193731106364531532012-10-06T07:13:46.213-07:002012-10-06T07:13:46.213-07:00पिछले समय से जुड़े लोगों में जो अपनत्व होता था वह अ...पिछले समय से जुड़े लोगों में जो अपनत्व होता था वह अब नहीं मिलेगा. अपनत्व भरे लहजे में चिढाने में जो आत्मीयता छिपी होती है वह हमेशा याद रहती है. रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-18514758005069439652012-10-06T06:02:21.278-07:002012-10-06T06:02:21.278-07:00अच्छा संस्मरण , बहुत कुछ याद दिला गया . अच्छा संस्मरण , बहुत कुछ याद दिला गया . ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-33985092830145377262012-10-06T05:18:56.302-07:002012-10-06T05:18:56.302-07:00बस मुस्कराना ही सहज है..बस मुस्कराना ही सहज है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-87888928045940760472012-10-06T05:11:51.761-07:002012-10-06T05:11:51.761-07:00एक मुस्कराहट कई खामियों को छुपा लेती है . और दवा क...एक मुस्कराहट कई खामियों को छुपा लेती है . और दवा का काम भी करती है . badhiya sansmaran . डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-61313381808477886472012-10-06T04:54:23.005-07:002012-10-06T04:54:23.005-07:00अप्रभावित रहना खिन्नता और आवेश से बचने का श्रेष्ठ ...अप्रभावित रहना खिन्नता और आवेश से बचने का श्रेष्ठ उपाय है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-9195519456038730452012-10-05T23:39:43.783-07:002012-10-05T23:39:43.783-07:00बहुत ही आत्मीय संस्मरण...
बिलकुल परिवार के सदस्य...बहुत ही आत्मीय संस्मरण...<br /><br />बिलकुल परिवार के सदस्य बन जाते थे, ऑफिस के स्टाफ .<br />आज के बच्चों के पास दूसरी तरह की यादें होती हैं...आत्मीयता उन यादों भी होती है. क्यूंकि यह मानव-स्वभाव है.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-16734886775389146972012-10-05T23:21:04.748-07:002012-10-05T23:21:04.748-07:00अच्छा संस्मरण -बहुधा देखा गया है कि चिढने और चिढान...अच्छा संस्मरण -बहुधा देखा गया है कि चिढने और चिढाने का एक अटूट रिश्ता बन जाता है ..मगर यह काफी असहज सा होता चिढने वाले के लिए .<br />और चिढने वाले व्यक्ति में कहीं न कहीं एक बहुत मासूमियत/सरलता और गैर दुनियादारी निहित होती है जो चिढाने वाला उतना ही घाघ आदमी भांप जाता है और चिढाना उसकी आदत में शुमार हो जाता है !<br /> मैं इसे बहुत बुरा मानता हूँ क्योकि खुद भी कई लोगों द्वारा चिढाया जाता रहा हूँ -और एक बार तो एक मेस के नौकर को पीट भी दिया था ! <br />साला जब देखो मुह 'बिराता' रहता था :-) मार खाया ठीक हो गया ! <br />पीउन=इसे अर्दली या चपरासी करना चाहें! Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-15569718419146153432012-10-05T22:52:39.367-07:002012-10-05T22:52:39.367-07:00चिढो तो चिढानेवाले को मज़ा आता है...ध्यान देना बन्...चिढो तो चिढानेवाले को मज़ा आता है...ध्यान देना बन्द कर दो तो मज़ा खत्म ! यह तो हर बात में लागू है.... मुस्कुराहट तो वर्तमान से अतीत की बन ही जाती है,बहुत सही चित्रण पूर्व के जीवन का ...रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-29512056697723889352012-10-05T22:23:49.912-07:002012-10-05T22:23:49.912-07:00सच है चिढ़ाते भी तभी है जब कोई चिढ़ता है ... मुस्क...सच है चिढ़ाते भी तभी है जब कोई चिढ़ता है ... मुस्कुराहट ही सही प्रतियुत्तर है .... अपनत्व से भरा रोचक संस्मरण संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-44609070894488273002012-10-05T22:08:15.947-07:002012-10-05T22:08:15.947-07:00कुछ रिश्ते कुछ बातें भुलाये नही भूला करतीं।कुछ रिश्ते कुछ बातें भुलाये नही भूला करतीं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-29313431663790995492012-10-05T21:36:36.281-07:002012-10-05T21:36:36.281-07:00शायद नहीं ..क्योंकि हमारे और इन बच्चों के जीने के ...शायद नहीं ..क्योंकि हमारे और इन बच्चों के जीने के तरीके में बहुत फर्क हैं ....सोच अलहदा है ...लेकिन यह सच है की ऐसे रिश्ते ता उम्र ..जीवन भर यादों का एक हिस्सा बने रहते हैं Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-31707908872597276072012-10-05T21:20:22.396-07:002012-10-05T21:20:22.396-07:00अविश्वास के इस दौर में जीने वाले हमलोग ...सोचती हू...अविश्वास के इस दौर में जीने वाले हमलोग ...सोचती हूँ ,क्या हमारे बाद वाली पीढ़ी की स्मृतियों में भी ऐसा अपनापन संभव हो सकेगा !!!<br /><br />अच्छे लोगों को अच्छे लोग हमेशा मिलते हैं वाणी जी ...!!तभी तो कहते हैं ....कुछ बातें कभी नहीं बदलतीं ...!!<br />अविश्वास के इस दौर मे विश्वास देता हुआ भावपूर्ण सुंदर आलेख ...<br />शुभकामनायें ।Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-90860214834906317572012-10-05T21:11:02.239-07:002012-10-05T21:11:02.239-07:00चिढाते भी अपने ही लोग हैं या यह कहे कि, चिढ भी अपन...चिढाते भी अपने ही लोग हैं या यह कहे कि, चिढ भी अपनों की ही लगती है | भाव पूर्ण संस्मरण |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-71365059095783218492012-10-05T20:49:05.536-07:002012-10-05T20:49:05.536-07:00.
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मुस्कराहट वाकई एक बहुत बड़ा हथियार है... :)
....<br />.<br />.<br />मुस्कराहट वाकई एक बहुत बड़ा हथियार है... :)<br />आत्मीयता से सराबोर संस्मरण... अच्छा लगा इसे बाँचना...<br /><br /><br />...<br />प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.com