tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post6412256744612092001..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: यही तो है मेरे मन में बसा राधा का स्वरुप....वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-53846342926097719522011-12-18T23:34:38.606-08:002011-12-18T23:34:38.606-08:00अति उत्तम आलेख मन मुग्ध हो गया
श्रीप्रकाश शुक्लअति उत्तम आलेख मन मुग्ध हो गया <br />श्रीप्रकाश शुक्लwgcdrspshttps://www.blogger.com/profile/15958618097794365101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-6486862793666356882011-08-10T21:48:24.966-07:002011-08-10T21:48:24.966-07:00अमूमन 'प्रेम-पगे लेखन' से जल्द प्रभावित न ...अमूमन 'प्रेम-पगे लेखन' से जल्द प्रभावित न होने वाले मुझ जैसे 'कठ-करेजी' को भी भा गई यह पोस्ट। <br /><br />शानदार !सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-61424491366777045972011-08-10T05:21:23.688-07:002011-08-10T05:21:23.688-07:00सुँदर आलेख के लिए साधुवाद . राधे राधे .सुँदर आलेख के लिए साधुवाद . राधे राधे .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-18469314822472412892011-08-10T00:09:31.401-07:002011-08-10T00:09:31.401-07:00राधा कृष्ण के प्रेम को नया सन्दर्भ देता आलेख अच्छा...राधा कृष्ण के प्रेम को नया सन्दर्भ देता आलेख अच्छा लगा. वाकई नहीं दे पाने का दुःख सदियों तक सालता है...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-31415209443997398872011-08-09T21:50:39.659-07:002011-08-09T21:50:39.659-07:00न दे पाने की पीड़ा कुछ लोगों के लिए न ले पाने की प...न दे पाने की पीड़ा कुछ लोगों के लिए न ले पाने की पीड़ा से बड़ी होती है !... yahi satya hai, todmarodker to log rakh dete hain , durbin se dekhte hain aur ek anargal soch ka bijaropan kerte hainरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-54760281463903545812011-08-09T20:07:32.539-07:002011-08-09T20:07:32.539-07:00प्रेम बनाये गहरा सागर,
क्या चिन्तन, बस गोते खायें।...प्रेम बनाये गहरा सागर,<br />क्या चिन्तन, बस गोते खायें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-31008313320384271932011-08-09T15:53:51.442-07:002011-08-09T15:53:51.442-07:00मेरी भववाधा हरौ, राधा नागरि सोय।
जा तन की झाँई परे...मेरी भववाधा हरौ, राधा नागरि सोय।<br />जा तन की झाँई परे स्याम हरित दुति होय।।<br /><br />इतिहासकार भले ही राधा नामक व्यक्ति के अस्तित्व को नकार दें परंतु कृष्णभक्तों के हृदय में तो ही बसते हैं!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-82675783829311377082011-08-09T13:51:28.468-07:002011-08-09T13:51:28.468-07:00राधाकृष्ण के अलौकिक प्रेम की अद्भुत महिमा का बखान ...राधाकृष्ण के अलौकिक प्रेम की अद्भुत महिमा का बखान मन को मुग्ध कर जाता है...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-26529547878511412942011-08-09T10:37:51.685-07:002011-08-09T10:37:51.685-07:00ati sundar alekh .
radhe radheati sundar alekh .<br />radhe radheशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-37401831938826229722011-08-09T09:11:35.380-07:002011-08-09T09:11:35.380-07:00प्रेम की उंचाईया यहीं पर हैं, इसीलिये कॄष्ण के पहल...प्रेम की उंचाईया यहीं पर हैं, इसीलिये कॄष्ण के पहले स्थान पा गई राधा...<b>"राधाकॄष्ण"</b><br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-62932836185628748712011-08-09T08:49:17.526-07:002011-08-09T08:49:17.526-07:00न दे पाने की पीड़ा कुछ लोगों के लिए न ले पाने की प...न दे पाने की पीड़ा कुछ लोगों के लिए न ले पाने की पीड़ा से बड़ी होती है ! <br /><br />सच में ..... ऐसे लोग भले ही कम होते हैं पर होते तो हैं........ राधे का तो चरित्र ही निराला है...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-65336398837048553682011-08-09T08:47:47.864-07:002011-08-09T08:47:47.864-07:00प्यार की प्रतिमूर्ति हैं राधा!प्यार की प्रतिमूर्ति हैं राधा!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-44380337854481494342011-08-09T07:32:54.978-07:002011-08-09T07:32:54.978-07:00बेहतरीन और सार्थक प्रस्तुति,आभार.बेहतरीन और सार्थक प्रस्तुति,आभार.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-3260028703642328082011-08-09T06:12:26.503-07:002011-08-09T06:12:26.503-07:00बहुत सुन्दर आलेख लिखा है आपने!बहुत सुन्दर आलेख लिखा है आपने!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-79300450700447657032011-08-09T05:12:28.477-07:002011-08-09T05:12:28.477-07:00वर्तमान परिवेश में राधा कृष्ण प्रेम को समझना अत्यं...वर्तमान परिवेश में राधा कृष्ण प्रेम को समझना अत्यंत कठिन है । <br />सोचने पर मजबूर करता लेख ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-79653636936461443182011-08-09T03:20:39.658-07:002011-08-09T03:20:39.658-07:00बहुत अच्छा लेख है...बहुत अच्छा लेख है...वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-45650667047783681802011-08-09T03:19:42.943-07:002011-08-09T03:19:42.943-07:00ना दे पाने की पीड़ा हमेशा ही सबसे ज्यादा खलती है....ना दे पाने की पीड़ा हमेशा ही सबसे ज्यादा खलती है..<br />सुन्दर आलेख.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-10185052632498872362011-08-09T02:33:47.265-07:002011-08-09T02:33:47.265-07:00राधा के प्रेम को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है...राधा के प्रेम को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। राधा का प्रेम तभी अलौकिक कहा जाता है यदि लौकिक होता तो आज कोई याद ना करता कोई ना चाहता वैसे ही प्रेम की अनुभूति……………राधा तो मन से रम गयी थी तन ही दो दिखते थे मगर अन्दर से तो राधा और कृष्ण कभी दो थे ही नही और यही प्रेम की पराकाष्ठा होती है मगर आज के संदर्भ मे इस प्रेम तक कहाँ कोई पहुँच पाता है………आज तो प्रेम को तोड मरोड दिया गया है। यूँ ही राधा को नही पूजा जाता राधा सा प्रेम सिर्फ़ राधा ही कर सकती है कोई और नही।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-175172945456075372011-08-09T01:11:42.519-07:002011-08-09T01:11:42.519-07:00बहुत सुन्दर राधे राधे ...बहुत सुन्दर राधे राधे ...रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-79364352391385797242011-08-09T00:27:19.882-07:002011-08-09T00:27:19.882-07:00यदि वह निराश हो सकती है तो केवल इसलिए कि कृष्ण को ...यदि वह निराश हो सकती है तो केवल इसलिए कि कृष्ण को जिस सहानुभूति और संवेदन की आवश्यकता थी , वह उसे न दे सकी . न दे पाने की पीड़ा कुछ लोगों के लिए न ले पाने की पीड़ा से बड़ी होती है ! <br /><br />अच्छी प्रस्तुति ..लिंक्स पर जा कर भी काफी कुछ पढने को मिला .. आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-40610690152979241492011-08-08T23:23:04.300-07:002011-08-08T23:23:04.300-07:00सच में अद्भुत लेख है...
नीरजसच में अद्भुत लेख है...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-30572760187846197832011-08-08T23:08:28.517-07:002011-08-08T23:08:28.517-07:00जब कभी मैं मथुरा, वृंदावन, बरसाना आदि गया हूं, एक ...जब कभी मैं मथुरा, वृंदावन, बरसाना आदि गया हूं, एक अलग अनुभूति हुई है। इस आलेख में राधा की जिस छवि को प्रस्तुत किया गया है बड़ा ही मनभावन लगा। इस आलेख को पढ़कर विद्यापति जी की कुछ पंक्तियां शेयर करने का मन बन गया --<br /><br />मोर मन हरि लय गेल रे, अपनो मन गेल।<br />गोकुल तेजि मधुपुर बसु रे, कत अपजस लेल।।<br /><br />**<br /><br /><br />चानन भेल विषम सर रे, भुषन भेल भारी।<br />सपनहुँ नहि हरि आयल रे, गोकुल गिरधारी।।<br />एकसरि ठाठि कदम-तर रे, पछ हरेधि मुरारी।<br />हरि बिनु हृदय दगध भेल रे, झामर भेल सारी।।<br />जाह जाह तोहें उधब हे, तोहें मधुपुर जाहे।<br />चन्द्र बदनि नहि जीउति रे, बध लागत काह।।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-83247414090009723232011-08-08T22:48:09.413-07:002011-08-08T22:48:09.413-07:00बहुत सुन्दर एवं सार्थक परिभाषा प्रेम की .बहुत सुन्दर एवं सार्थक परिभाषा प्रेम की .ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-15469545022023436502011-08-08T22:27:40.532-07:002011-08-08T22:27:40.532-07:00न दे पाने की पीड़ा कुछ लोगों के लिए न ले पाने की पी...न दे पाने की पीड़ा कुछ लोगों के लिए न ले पाने की पीड़ा से बड़ी होती है ! बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आपका आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-45472279100227863652011-08-08T21:31:19.394-07:002011-08-08T21:31:19.394-07:00राधे...राधे...राधे....
बरसाने वाली राधे...
श्रीराध...राधे...राधे...राधे....<br />बरसाने वाली राधे...<br />श्रीराधे...राधे...राधे...राधे....<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.com