tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post7403296523017949629..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: भगवान बचाए ऐसे भाई- बहनों से ...वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-88925017291553819342011-08-06T20:58:53.161-07:002011-08-06T20:58:53.161-07:00वाणी जी,
रात को आपकी पोस्ट पढ़ी, सोचा था सुबह कमें...वाणी जी,<br />रात को आपकी पोस्ट पढ़ी, सोचा था सुबह कमेंट दूंगा, लेकिन सुबह आपकी वो पोस्ट ही दिखाई नहीं दे रही...<br /><br />ब्लॉगिंग के दो साल के उत्कृष्ट रचनाकर्म के लिए बहुत बहुत बधाई...<br /><br />वाणी की ये वीणा सबको हमेशा यूं हीं आनंद से सराबोर करती रहे...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-46324733259107862962011-08-06T19:35:08.567-07:002011-08-06T19:35:08.567-07:00@ सुनीता जी ,
शुभकामनाएं बहुत इकट्ठी हो गयी थी , ...@ सुनीता जी ,<br />शुभकामनाएं बहुत इकट्ठी हो गयी थी , बस इतनी ही चाहिए थी !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-3461173117184313672011-08-06T19:31:40.340-07:002011-08-06T19:31:40.340-07:00रात को ही आपकी पोस्ट चर्चा मे डाली सुबह गायब....क्...रात को ही आपकी पोस्ट चर्चा मे डाली सुबह गायब....क्या हुआ वाणी जी इतनी खूबसूरत पोस्ट को गायब कर दिया आपने?<br /> चर्चा में आज <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/2011/08/blog-post_07.html/" rel="nofollow">नई पुरानी हलचल </a>सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-23304842282729447642011-08-04T23:16:37.548-07:002011-08-04T23:16:37.548-07:00बहुत चिंतनीय आलेख है वीणा जी ! एक इंसान का दूसरे इ...बहुत चिंतनीय आलेख है वीणा जी ! एक इंसान का दूसरे इंसान पर सहज विश्वास कर लेने का जज्बा वन्दनीय है और दुनिया में आज भी इंसानियत कायम है इस बात को प्रमाणित भी करती है लेकिन ऐसे लोग भी तो इसी दुनिया में मिल जाते हैं जो अमानत में खयानत करते हैं और रिश्तों की आड़ लेकर पीठ में छुरा भोंकने का मौक़ा तलाशते रहते हैं इसलिए सावधानी और सतर्कता बरतने की बहुत सख्त ज़रूरत है ! आपकी माँ के लिये मन में अपार श्रद्धा उमड़ रही है ! उन्हें मेरा प्रणाम अवश्य कहियेगा !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-87791004249550102162011-08-04T18:58:59.622-07:002011-08-04T18:58:59.622-07:00are aap anjan insaan kee bat ka vishvas karne kee ...are aap anjan insaan kee bat ka vishvas karne kee kahati hain, aaj jo dekh rahe hain usamen to kitne apanon ne hi vishvasghat kar jaan le lee. <br />maan kee tarah se mera bhi svabhav hai. kisi bhi dukhi ya asahay kee madad ko taiyar ho jati hoon aur baad men jab pata chalta hai ki vah to bevakooph bana rahi /raha tha to thodi der ko kasht hota hai phir vahi kaam.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-21477225960723753102011-08-04T10:30:03.678-07:002011-08-04T10:30:03.678-07:00सच है, लेकिन आत्मिक प्रसन्नता की यही कीमत है।सच है, लेकिन आत्मिक प्रसन्नता की यही कीमत है।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-67014893655607510282011-08-04T09:51:08.599-07:002011-08-04T09:51:08.599-07:00"मेरी बहुत बुरी (?) बुरी आदत है , मैं जल्दी स..."मेरी बहुत बुरी (?) बुरी आदत है , मैं जल्दी से किसी अनजान को गले लगाना तो क्या हाथ भी नहीं मिलाती , इस पर चाहे कोई मुझे नकचढ़ी कहे या घमंडी!"<br /> मैं यहीं बैठे आपके इस व्यवहार को जानता हूँ ,अब बदल पाना भी मुश्किल है ! <br /><br />यह तो एक टिपिकल महिला पोस्ट हो गयी! महिला मनोवृत्ति का अच्छा अध्ययन हुआ!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-51738015709626090762011-08-04T09:50:17.574-07:002011-08-04T09:50:17.574-07:00सही कहा आपनें,साथ-साथ वर्षों रहने के बाद भी इस देश...सही कहा आपनें,साथ-साथ वर्षों रहने के बाद भी इस देश में पति-पत्नी भी एक दुसरे को पूरी तरह जान नहीं पाते.<br />लेकिन इसके भी कुछ अपवाद भी होंते हैं-कुछ लोग इसी समाज में खुली किताब की तरह है जिन्हें जब कोई चाहता है पढ़ सकता है.<br />आभार.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-60582963673663346532011-08-04T08:52:12.688-07:002011-08-04T08:52:12.688-07:00एक उम्र के बात वातसल्य के अलावा कुछ सोचना मुश्किल ...एक उम्र के बात वातसल्य के अलावा कुछ सोचना मुश्किल हो जाता है, और यही बात शायद मां के हृदय में होती है. किसी भी बात को दूसरे नजरिये से बुजुर्ग जन नही देख पाते.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-77940630363126515112011-08-04T08:31:08.007-07:002011-08-04T08:31:08.007-07:00kalyug ki kadvi sacchayi ko darshati sunder post.
...kalyug ki kadvi sacchayi ko darshati sunder post.<br />sach me yaha kisi ko bhi pehchaanNa mushkil hai.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-69709892453085865022011-08-04T07:17:32.737-07:002011-08-04T07:17:32.737-07:00मेरी मां इन मामलों में बड़ी सतर्क रहती है. बहुत ठो...मेरी मां इन मामलों में बड़ी सतर्क रहती है. बहुत ठोक बजाकर देख लेगी. अच्छा आलेख. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-39460988279314055952011-08-04T05:52:06.239-07:002011-08-04T05:52:06.239-07:00माँ का स्वभाव सहज होता है, क्या करें पर वही सहज स्...माँ का स्वभाव सहज होता है, क्या करें पर वही सहज स्वभाव हमें प्रिय भी होता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-22022599578866340582011-08-04T05:34:27.519-07:002011-08-04T05:34:27.519-07:00दुनिया में बहुत छलावा है आजकल । जो दिखता है , वो अ...दुनिया में बहुत छलावा है आजकल । जो दिखता है , वो अक्सर वैसा होता नहीं ।<br />शायद भोले भाले लोगों के लिए बड़ा मुश्किल है दुनिया को समझना ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-67195872217095305722011-08-04T05:23:32.567-07:002011-08-04T05:23:32.567-07:00आज की दुनिया मे सच और झूठ मे फ़र्क करना बहुत मुश्कि...आज की दुनिया मे सच और झूठ मे फ़र्क करना बहुत मुश्किल हो गया है और हर इंसान कभी ना कभी ऐसे हालातो से दो चार जरूर होता है अपनी ज़िन्दगी मे और धोखा खाने पर ही अकल आती है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-38607882307021443982011-08-04T02:58:13.337-07:002011-08-04T02:58:13.337-07:00@ सच है , मेरी माँ सबसे अलग है , उसपर दुनियादारी क...@ सच है , मेरी माँ सबसे अलग है , उसपर दुनियादारी का बिलकुल भी असर नहीं है और तमाम शिकायतों के बावजूद मुझे उन पर गर्व है ...पता नहीं कितने लोगों की किस तरह से मदद की होगी उन्होंने , उनका यही गुण हम बच्चों में , विशेषकर मेरे छोटे भाई में कभी- कभी झलक जाता है ...<br />लीक से हटकर एक औरत के रूप में उसे देखना अच्छा सन्देश है , मगर अपनी अच्छाई के कारण वे स्वयं या उनका परिवार किसी मुसीबत में ना आ जाये , बस इसलिए ही फिक्रमंद रहते हैं हम लोंग !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-7926954597431948932011-08-04T02:40:48.678-07:002011-08-04T02:40:48.678-07:00सोच रही हूँ जब वास्तविक दुनिया में इंसानों को पहचा...सोच रही हूँ जब वास्तविक दुनिया में इंसानों को पहचानना इतना आसान नहीं है तो अंतरजाल पर तो ...bilkul sach kaha aapne..<br />bahut achhi rochak prastuti...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-84301981736831519352011-08-04T02:13:31.126-07:002011-08-04T02:13:31.126-07:00बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ।बहुत ही अच्छा लिखा है आपने ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-4205238563454916272011-08-04T01:31:28.901-07:002011-08-04T01:31:28.901-07:00तुम्हारी माँ जैसे लोग...सदियों से इस समाज में होते...तुम्हारी माँ जैसे लोग...सदियों से इस समाज में होते आए हैं...और रहेंगे....कुछ अलग ही मिटटी के बने होते हैं ये लोग...और समाज के लिए प्रेरणा भी...वर्ना...लीक पर तो हर कोई चल लेता है...इस से बातें करना है...उस से नहीं...फलां से नाता रखना है चिलां से नहीं..लीक से अलग चल कर दिखाने वालों को नमन..<br /><br />'बुरी औरत' की जगह उसे किसी ने सिर्फ 'औरत' के रूप में भी देखा.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-27324599601551520052011-08-03T23:53:11.370-07:002011-08-03T23:53:11.370-07:00Bahut rochak...Bahut rochak...kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-35345355791614562522011-08-03T22:56:00.110-07:002011-08-03T22:56:00.110-07:00माँ तो हमेशा ही सरल हृदय की होती हैं!माँ तो हमेशा ही सरल हृदय की होती हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-33925073007575126682011-08-03T22:47:11.316-07:002011-08-03T22:47:11.316-07:00@ मुद्दा रिश्तों की आड़ में घर में घुसपैठ करने वालो...@ मुद्दा रिश्तों की आड़ में घर में घुसपैठ करने वालों का है !<br />और आपका यह कहना सही है की वास्तविक जीवन में हीवर्षों से जिसे हम जानते हैं , वे ही वैसे नहीं निकलते तो अंतरजाल की तो बात ही क्या है ...<br />मैं इससे भी सहमत हूँ की कई बार लड़कियां या महिलाएं किसी खास को भाव नहीं दे रही हों , तब भी ऐसी अफवाहें फैलाई जाती हैं ! क्योंकि इनपर दोषारोपण का सबसे आसान तरीका यही है !<br />मैंने एक कहानी भी लिखी है इस पर ...http://vanigyan.blogspot.com/2009/11/2.htmlवाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-81113882654380578472011-08-03T22:39:04.551-07:002011-08-03T22:39:04.551-07:00@ अंशुमाला जी ,
हर अकेली रहने वाली लड़की ऐसी नहीं ह...@ अंशुमाला जी ,<br />हर अकेली रहने वाली लड़की ऐसी नहीं होती , मैं सहमत हूँ , क्योंकि आत्मनिर्भर लड़कियों को नौकरी के लिए बहुत बार अकेले रहना पड़ता है और मैंने ये नहीं कहा कि वह महिला सही थी या गलत .चूँकि मेरी मां और उसके पड़ोसियों ने यह सब देखा और यदि इंसान एक बार चोट खा जाये तो वह सबको शक भरी निगाहों से देखता है, सतर्क रहने की जरुरत तो है ही !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-33297368340513217062011-08-03T22:31:41.035-07:002011-08-03T22:31:41.035-07:00कई बार तो हम जिनको बरसों से जानते है वे ही वैसे नह...कई बार तो हम जिनको बरसों से जानते है वे ही वैसे नहीं निकलते तो अंतरजाल की क्या बात करे |<br /> मेरे पड़ोसी ने मुझे बताया की हमरी बिल्डिंग में नई नई किराये पर अकेली रहने आई लड़की ठीक नहीं है रात ग्यारह बजे बिल्डिंग के परिसर में मोबाईल पर लड़को से बात करती है देर रात घर आती है | मैंने सवाल किया की आप ने कब देखा उन्होंने कहा अभी परसों की ही तो बात है मैंने कहा आप को ठीक से याद है की परसों की बात है उन्होंने कहा हा, मैंने कहा ये संभव नहीं है क्योकि परसों रात तो हम सभी आप के घर में रात तक थे क्योकि बिल्डिंग में आचानक से जलने की महक आ रही थी और काफी रात तक हम सब बाते कर रहे थे फिर आप उस लड़की को देखने कब चले गये | चलिये मानते है की किसी और दिन देखा होगा तो आप को कैसे पता चला की वो लड़को से ही बात कर रही है और फिर वो अकेले रहती है उसे किसी से बात करना होगा या कुछ भी करना होगा तो बड़े आराम से अपने घर में कर सकती है परिसर में घूमने की उसे क्या जरुरत है और आज कल तो बहुत सारी लड़किया रात की शिफ्ट में काम करती है बेचारे चुप हो गए | वाणी जी ये सब नया नहीं है समाज में हमेसा से अकेले रह रही लड़की महिलाओ के शक की नजर से देखा जाता है खासकर पुरुषो द्वारा उनके बारे में कई इस तरह की बाते फैलाई जाती है | वही वो महिला यदि उन पुरुषो से बात करने लगे तब उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है | कभी इस कोण से भी सोच कर देखिएगा |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-84757045530078555112011-08-03T21:35:37.741-07:002011-08-03T21:35:37.741-07:00vaani
sehaj vishvaas kar lena hamsey pehli peedhi...vaani <br />sehaj vishvaas kar lena hamsey pehli peedhi kaa shahswat sach haen maeri maa bhi aesi hi haen <br />lekin aaj kae samay mae yae galat haen <br /><br />vridh logo ko bahut saawdhani sae apnae ghar me kisi ko aanae dena chahiyae <br /><br />mujh badaa samay lagaa apni maa ko yae smajhnae me <br /><br />bahut badhiyaa lagii yae post<br />vivaahit stri kae liyae maayake aa paana kitna mushkil haen yae apni chhoti behan ko daekh kar smajh aataa hae ek hi chahar me haen wo bhi par samay nahin miltaa <br /><br />vaese सोच रही हूँ जब वास्तविक दुनिया में इंसानों को पहचानना इतना आसान नहीं है तो अंतरजाल पर तो ?? <br />mat sochiyae aap kaun si blog meet me jaatee haen aur kitno sae miltee haen <br />tippani paaney kae liyae risk nahin lena haen kyu sahii kehaa naa {sandarbh ek meethi post by satish saxena aur aap kaa kament }रचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-71846699718217144742011-08-03T20:59:48.754-07:002011-08-03T20:59:48.754-07:00शुक्रिया वाणी जी।शुक्रिया वाणी जी।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.com