tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post6330365637041981150..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: द्विरागमन .... (2)वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-15880735977246131522014-07-17T02:05:24.830-07:002014-07-17T02:05:24.830-07:00बहुत रोचक और दिलचस्प कहानी लिखी है आपने. जिज्ञासा ...बहुत रोचक और दिलचस्प कहानी लिखी है आपने. जिज्ञासा बढ़ती जा रही है आगे क्या होता है जानने की … इंतज़ार है संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-16851107729855916792014-07-14T08:04:49.129-07:002014-07-14T08:04:49.129-07:00सजीव चित्रण, रोचक शैली सजीव चित्रण, रोचक शैली BS Pablahttps://www.blogger.com/profile/06546381666745324207noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-47912528956681256452014-07-14T00:45:50.822-07:002014-07-14T00:45:50.822-07:00आभार आपका !आभार आपका !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-80877584288169195962014-07-14T00:44:47.602-07:002014-07-14T00:44:47.602-07:00अभी तक तो किसी पत्रिका में नहीं दी है , छपेगी तो ज...अभी तक तो किसी पत्रिका में नहीं दी है , छपेगी तो जरुर बताउंगी !<br />आभार !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-65057902783625784412014-07-14T00:43:44.792-07:002014-07-14T00:43:44.792-07:00क्रमशः लिखना रह गया या एडिटिंग में मिट गया .
याद ...क्रमशः लिखना रह गया या एडिटिंग में मिट गया . <br />याद दिलाने का आभार !<br />वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-55080575313972400152014-07-14T00:41:15.273-07:002014-07-14T00:41:15.273-07:00संगीता स्वरुप जी की मेल से प्राप्त टिप्पणी --
वाण...संगीता स्वरुप जी की मेल से प्राप्त टिप्पणी -- <br />वाणी , <br />अभी भी ब्लॉग पर ही टिप्पणी करने का प्रयास किया , लेकिन वहां टिप्पणी पोस्ट नहीं हुई ....इस बार सेव कर ली थी :) <br />मध्यवर्गीय स्त्री जिसकी रूचि आम स्त्रियों से भिन्न हो ...उसके मन का कोना कहीं न कहीं खाली सा महसूस होगा ही ... दूब को दांत से कुतरना जैसे मन की साड़ी व्यग्रता को ही कुतरना चाह रही हो ... बहुत सूक्ष्म अवलोकन .... आपकी लेखनी पाठक को कथानक से बांधने में सक्षम है .... जिज्ञासा निरंतर बढाती हुई अच्छी कहानी .... मुझे लगता है की आपकी ये कहानी भी किसी पत्रिका में छप रही है इसी लिए कड़ियाँ देर से प्रकाशित हो रही हैं .... अब आगे का इंतज़ार है . वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-83537144090851481872014-07-13T08:13:52.909-07:002014-07-13T08:13:52.909-07:00यंत्रवत सारे काम निबटाता जाता है शरीर पर मन का कोन...यंत्रवत सारे काम निबटाता जाता है शरीर पर मन का कोना रीता ही रह जाता है...उसमें झाकने वाला कोई मिला तो नायिका को ...<br />अगली कड़ी की प्रतीक्षा पर क्रमशः लिखना भूल गयी हो ...कहानी पढ़ कर जाना कि अभी आगे और होगा .rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-37575585677316170592014-07-12T06:31:31.011-07:002014-07-12T06:31:31.011-07:00कहानी ख़ुद ब ख़ुद आगे बढ रही है और कहानी में रहस्य क...कहानी ख़ुद ब ख़ुद आगे बढ रही है और कहानी में रहस्य का तत्व पाठकों को बाँधने में सफल रहा है. दोनों तरफ से सस्पेंस बना हुआ है. वो फौजी और वो औरत!!<br />आज बस की यात्रा में दोनों कड़ियाँ पढीं और तभी कमेण्ट करने आया. देखें आगे क्या होता है! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-48547194680875988992014-07-11T06:39:48.128-07:002014-07-11T06:39:48.128-07:00जीवंत रचना..आनंद आ गया.जीवंत रचना..आनंद आ गया.अभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-65053316782237131262014-07-11T06:14:42.111-07:002014-07-11T06:14:42.111-07:00वाह वाणिजी बांधे रखा शुरू से आखिर तक .....बहोत खूब...वाह वाणिजी बांधे रखा शुरू से आखिर तक .....बहोत खूब ......:)Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-77767405167371711012014-07-11T03:14:52.517-07:002014-07-11T03:14:52.517-07:00बहुत रोचक. अगली कड़ी की प्रतीक्षा.बहुत रोचक. अगली कड़ी की प्रतीक्षा. राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-65008590786932083332014-07-10T07:36:26.977-07:002014-07-10T07:36:26.977-07:00अगली कड़ी ? :)
अगली कड़ी ? :)<br />Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-16057938365081767512014-07-10T06:05:37.241-07:002014-07-10T06:05:37.241-07:00मन के अंदर का खालीपन , समझें तो अपना ही तो बनाया ह...मन के अंदर का खालीपन , समझें तो अपना ही तो बनाया होता है .. नायिका अभुव्यक्त हो रही है ...आगे देखते हैं :)shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-15854452948714568092014-07-10T04:59:37.664-07:002014-07-10T04:59:37.664-07:00बहुत रोचक तरीके से कहानी आगे बढ़ रही है ! नायक और न...बहुत रोचक तरीके से कहानी आगे बढ़ रही है ! नायक और नायिका के मनोभावों का शनै शनै पकाशित होना जिज्ञासा को बढाने में कारगर होता जाता है ! इसीलिये अगली कड़ी की प्रतीक्षा अभी से होने लगती है ! दिलचस्पी बनी रहती है ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-28815643492233978262014-07-10T03:49:00.801-07:002014-07-10T03:49:00.801-07:00कहानी रोचक - वाकई अपनी सी, … कहानी रोचक - वाकई अपनी सी, … रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-29020889675612416092014-07-10T01:31:31.586-07:002014-07-10T01:31:31.586-07:00सब कुछ होते हुए भी मन रीता सा ... इसको समझना किसी ...सब कुछ होते हुए भी मन रीता सा ... इसको समझना किसी संवेदनशील ह्रदय के ही बस की बात है ... <br />अच्छी कहानी है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-72319480495922371912014-07-10T00:51:38.912-07:002014-07-10T00:51:38.912-07:00रोचक कहानी...रोचक कहानी...Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-53681740115120440502014-07-10T00:31:50.496-07:002014-07-10T00:31:50.496-07:00आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (11.07.2014...आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (11.07.2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.ae/" rel="nofollow">"कन्या-भ्रूण हत्या " (चर्चा अंक-1671)"</a> पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, वहाँ पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-87005013438665905212014-07-09T23:03:27.048-07:002014-07-09T23:03:27.048-07:00सब कुछ होने के बाद भी जीवन रीता सा लगता है सुंदरत...सब कुछ होने के बाद भी जीवन रीता सा लगता है सुंदरता के साथ एक स्त्री के मनोभाओ का चित्रण शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-32003358911487424972014-07-09T22:49:40.305-07:002014-07-09T22:49:40.305-07:00अक्सर स्त्रियां यही सोचती हैं कि पुरुष (पति) बाहर ...अक्सर स्त्रियां यही सोचती हैं कि पुरुष (पति) बाहर दिन भर मटरगस्ती करता है और वो घर की चारदीवारी के बाहर सोच भी नहीं पाती..<br />सही कहूं, तो मै भी यही सोचती हूं :)रचना त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/12447137636169421362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-59681277949048008512014-07-09T22:31:40.809-07:002014-07-09T22:31:40.809-07:00भीतर का खालीपन और भटकाव , जीने वाला ही समझ सकता है...भीतर का खालीपन और भटकाव , जीने वाला ही समझ सकता है ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-81918988130391281652014-07-09T21:00:09.204-07:002014-07-09T21:00:09.204-07:00बेहतरीन लिखते हो आप !!
मुझे धोखा किसी और ने नहीं ...बेहतरीन लिखते हो आप !!<br />मुझे धोखा किसी और ने नहीं स्वयं मेरी किस्मत ने दिया था।"" :)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-42791725453595594442014-07-09T20:56:36.742-07:002014-07-09T20:56:36.742-07:00आम स्त्रियों से भिन्न शौक/मिजाज रखने वाली निम्न अ...आम स्त्रियों से भिन्न शौक/मिजाज रखने वाली निम्न अथवा उच्च मध्यमवर्गीय स्त्रियों के मन का एक कोना किस तरह सूखा , अनछुआ सा रहता है , उससे नहीं मिलता तो शायद कभी जान भी नहीं पाता। उसकी बातों ने , उसके चुप रह जाने ने , उसके चिल्ला पड़ने में , उसके हंसने ने , उसके मुस्कुराने ने मुझे बताया , समझाया। बस उसके आंसूं नहीं देखे मैंने , भरा गला और चेहरे की मुस्कराहट के साथ कुछ नमी जरूर थी कोरों पर मगर उसे आंसू नहीं कहा जा सकता था।<br />kamaal kaa likhati hain aap <br />Akhand Saubhagyawati rahiye विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-77588142627822704112014-07-09T19:59:54.436-07:002014-07-09T19:59:54.436-07:00अच्छी लगी. अपने गम भूलकर दूसरों को हंसा सकना - ऐसे...अच्छी लगी. अपने गम भूलकर दूसरों को हंसा सकना - ऐसे भी लोग होते हैं. P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com