tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post6905230593246786686..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: जिंदगी सबकुछ सिखा देती है .....वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-62509421456409521062012-01-05T08:31:56.255-08:002012-01-05T08:31:56.255-08:00जी यह तो निश्चित है सब ईश्वर की लीला है ....
शायद ...जी यह तो निश्चित है सब ईश्वर की लीला है ....<br />शायद हमारे कर्मों के अनुसार ही मौत भी निश्चित होती है .....<br />आपकी माँ के लिए रब्ब से अरदास है ......<br />रब्ब उन्हें तंदरुस्त रखे .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-8221257101289459712011-12-29T22:17:28.231-08:002011-12-29T22:17:28.231-08:00माताजी के स्वास्थ्य लाभ के लिए ढेरों मंगलकामनाएंमाताजी के स्वास्थ्य लाभ के लिए ढेरों मंगलकामनाएंAvinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-82626729225456360512011-12-28T01:33:16.581-08:002011-12-28T01:33:16.581-08:00apki vyast jindgi ka kaccha chittha aaj hi padha a...apki vyast jindgi ka kaccha chittha aaj hi padha aur jana. sach me samaj aur grehasth me rahte hue hame apni kitni urja, kitna samay in sab k liye bhi surakshit rakhna hota hai...ek bar ko aabhasi duniya hame itni khushi dene k baad bhi mithya hi lagne lagti hai. aur ye jaruri bhi hai.<br /><br />aapki maa ji aur aunty ji k liye hamari duai unke sath hain.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-88139081208382998232011-12-27T18:33:47.175-08:002011-12-27T18:33:47.175-08:00प्रणाम!
पोस्ट पढ़ी. सहमत हूँ.
आशीष
--
लैटर टु ए डैड...प्रणाम!<br />पोस्ट पढ़ी. सहमत हूँ.<br />आशीष<br />--<br />लैटर टु ए डैड मदर!!!सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-28485758721939006342011-12-25T06:52:57.484-08:002011-12-25T06:52:57.484-08:00ham sabhi aik hi nav me svar hai .maa ka ashish sd...ham sabhi aik hi nav me svar hai .maa ka ashish sdaiv bna rahe .shobhanahttps://www.blogger.com/profile/11004251729395220506noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-72791354955398415032011-12-25T00:29:56.624-08:002011-12-25T00:29:56.624-08:00बिल्कुल सही - दुख कभी मजबूत बनाता है, कभी छितरा दे...बिल्कुल सही - दुख कभी मजबूत बनाता है, कभी छितरा देता है आदमी को। पर कभी पहले सा नहीं छोड़ता। <br />दुख परिवर्तन लाता है जीवन में!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-44024532722074124242011-12-22T19:48:48.317-08:002011-12-22T19:48:48.317-08:00परम्परागत चले आ रहे संस्कारों को निभाना ही पड़ता है...परम्परागत चले आ रहे संस्कारों को निभाना ही पड़ता है। माता जी और अंटी जी को स्वास्थ्य लाभ की कामना।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-63133720148054692672011-12-21T20:38:54.644-08:002011-12-21T20:38:54.644-08:00jo hota hai aur jo hoga.........sab achchha hi hog...jo hota hai aur jo hoga.........sab achchha hi hoga...!!<br /><br />chachajee ko vinamra shhradhhanjali!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-21413090437318144052011-12-20T21:07:01.978-08:002011-12-20T21:07:01.978-08:00सो सॉरी यार उपस्थिति को अनुपस्थिति लिख गयी:(:(
वो ...सो सॉरी यार उपस्थिति को अनुपस्थिति लिख गयी:(:(<br />वो तो तुमने ध्यान दिलाया तो ध्यान आया...:)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-4418386223635936702011-12-20T19:04:16.600-08:002011-12-20T19:04:16.600-08:00माँ जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामनाएं भी!माँ जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामनाएं भी!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-64295495533412591902011-12-20T11:02:04.418-08:002011-12-20T11:02:04.418-08:00ओह! तो ब्लॉग से लम्बी अनुपस्थिति का राज़ यह था.......ओह! तो ब्लॉग से लम्बी अनुपस्थिति का राज़ यह था....चाचा जी को विनम्र श्रधांजलि...परिवार जन को ईश्वर संबल प्रदान करे.<br />माँ के शीघ्र स्वस्थ होने की मंगलकामनाएं.<br /><br />पोस्ट भले ही ना लिखी हो तुमने ...पर दूसरों की पोस्ट पर अनुपस्थिति बराबर बनाई रखी..यह समाजिक और आभासी जीवन का सुघड़ संतुलन ही था. <br />और जहाँ तक सिर्फ लेखन की बात है...जब तक समाज के बीच नहीं रहेंगे...अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगे...जिम्मेवारियाँ नहीं निभायेंगे...नए अनुभव नहीं उठाएंगे...लिखने का स्त्रोत कहाँ से मिलेगा..?? सिर्फ एकांत में बैठ कर तो बस काल्पनिक बातें ही लिखी जा सकती हैं. समाज में गहरे पैठ कर ही...सार्थक सृजन संभव हैrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-38330516594363900352011-12-20T09:39:10.368-08:002011-12-20T09:39:10.368-08:00.
.
.
आपकी माँ जी और आपकी पड़ोसन आंटी जी को उनका म....<br />.<br />.<br />आपकी माँ जी और आपकी पड़ोसन आंटी जी को उनका मर्ज समझ सही दवाई करने वाले चिकित्सक मिलें व वे शीघ्र स्वस्थ हों, इसी कामना के साथ...<br /><br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-18099705484147953332011-12-20T09:15:45.505-08:002011-12-20T09:15:45.505-08:00shubhkamnayen...shubhkamnayen...सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-15957594263304884042011-12-20T05:46:50.052-08:002011-12-20T05:46:50.052-08:00जब हालात बदलते हैं तो ये ख्याल आना वाज़िब है मगर स...जब हालात बदलते हैं तो ये ख्याल आना वाज़िब है मगर सार्थक जीवन वही है जो दूसरो के सुख दुख मे भागीदार बने………आपकी माँ और पड़ोसन आंटी जी जल्द स्वास्थ्य लाभ करें ।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-70020406962327641892011-12-20T05:44:03.371-08:002011-12-20T05:44:03.371-08:00ओह दुःख तो जीवन का एक अनिवार्य अंग ही है ...मिले ज...ओह दुःख तो जीवन का एक अनिवार्य अंग ही है ...मिले जुले अनुभवों की यह पोस्ट!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-14302145681143002132011-12-20T05:06:57.400-08:002011-12-20T05:06:57.400-08:00हाँ, मंगलकामना करना तो नहीं, पर कहना भूल गयी थी......हाँ, मंगलकामना करना तो नहीं, पर कहना भूल गयी थी...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-10657825251228317362011-12-20T05:05:03.717-08:002011-12-20T05:05:03.717-08:00आपकी बात, अपनी बात सी ही लगी..
और जो मैं स्वयं सो...आपकी बात, अपनी बात सी ही लगी..<br /><br />और जो मैं स्वयं सोचती हूँ,इन वाक्यों में प्रतिध्वनित पाया मैंने..<br /><br />"पड़ोसन आंटीजी भी शारीरिक व्याधि से जूझती हुई पिछले एक महीने से बेड रेस्ट पर हैं . रोज उनके साथ कुछ समय गुजारना , माँ के साथ रहना , बचे समय में अपना घर संभालना , इन दिनों ब्लॉगिग की बजाय मुझे यही ज्यादा सार्थक लग रहा है "<br /><br />सम्मुख उपस्थित कर्तब्यों में प्राथमिकता का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण होता है...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-84552498515303912152011-12-20T04:15:46.867-08:002011-12-20T04:15:46.867-08:00माँ और पड़ोसन चाईजी के लिए अनंत शुभकामनाएँ!!
सम्म...माँ और पड़ोसन चाईजी के लिए अनंत शुभकामनाएँ!!<br /><br />सम्मान कीर्ती और बडप्पन ही श्रेष्ठ है, आचार डालने जैसा नहीं, अन्ततः सम्मान ही आत्मिक सन्तुष्टि देता है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-87823819310592147112011-12-20T04:14:36.080-08:002011-12-20T04:14:36.080-08:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-90475106639533822852011-12-20T02:18:14.299-08:002011-12-20T02:18:14.299-08:00आप अपने फ़र्ज़ निभा रही हैं.संबल बनाये रखिये सब अच...आप अपने फ़र्ज़ निभा रही हैं.संबल बनाये रखिये सब अच्छा होगा.<br />अशेष शुभकामनाये.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-66322229461171465942011-12-20T01:27:16.953-08:002011-12-20T01:27:16.953-08:00आपकी इस प्रस्तुति के लिए आभार ...
कल 21/12/2011...आपकी इस प्रस्तुति के लिए आभार ... <br /><br />कल 21/12/2011 को आपकी यह पोस्ट <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com" rel="nofollow"> नयी पुरानी हलचल </a> पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, मेरी नज़र से चलिये इस सफ़र पर ...<br /><br /> धन्यवाद!सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-56735665748324268242011-12-20T00:00:21.817-08:002011-12-20T00:00:21.817-08:00बहुत दिन आपकी पोस्ट पढ़ी। अच्छा लगा।
आपकी मां और प...बहुत दिन आपकी पोस्ट पढ़ी। अच्छा लगा। <br />आपकी मां और पड़ोस वाली आंटी जी स्वस्थ जीवन के लिये शुभकामनायें।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-3180379703491189282011-12-19T23:10:55.842-08:002011-12-19T23:10:55.842-08:00.....हार्दिक शुभकामनायें.....हार्दिक शुभकामनायेंसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-83134049618191386392011-12-19T21:42:07.603-08:002011-12-19T21:42:07.603-08:00इन रस्मों के औचित्य पर सोचते हुए मैंने जो निष्कर्ष...इन रस्मों के औचित्य पर सोचते हुए मैंने जो निष्कर्ष निकाला वह यह था कि गहन दुःख के क्षणों में सदमे से उबरने के लिए परिजनों का ध्यान दूसरी ओर आकर्षित करने के लिए या फिर इस अवसर पर दिए जाने वाले धन आदि से परिवार को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए इस प्रकार की रस्मों की शुरुआत की गयी होगी जो कालांतर में जबरन थोपे जाने वाले रिवाज या सामाजिक परम्पराएँ बन गयी ..<br /><br />सही विश्लेषण किया है ...<br /><br />इस बीच आप कठिन परिस्थितियों से गुज़री हैं ...परिवार के प्रति उत्तरदायित्व निबाहना ही उचित कर्तव्य है .. <br /><br />आपकी माँ शीघ्र स्वस्थ हों यही प्रार्थना है .. <br />पड़ोस की आंटी के प्रति आपकी संवेदनशीलता झलकती है उन्हें भी स्वस्थ होने की शुभकामनायेंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-29480400061297890262011-12-19T21:24:54.391-08:002011-12-19T21:24:54.391-08:00लेखन तो मन की उपज है, कभी दिन में दो-चार बार लिख ड...लेखन तो मन की उपज है, कभी दिन में दो-चार बार लिख डालो और कभी महिने भर भी नहीं। यह तो चलता रहता है। मैंने भी कई दिनों से कोई पोस्ट नहीं लिखी है, बस सभी को पढ़ रही हूँ। हम सब परिवारवाले हैं, तो परिवार में सुख और दुख चलते ही रहते हैं। इन्ही से संवेदनाएं जागृत रहती हैं। आपके चाचाजी के स्वर्गवास का समाचार दुखद है। माँ का स्वास्थ्य शीघ्र ठीक होगा। ईश्वर हम सबके साथ है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com