tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post7003886223107661548..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: मातृत्व की गरिमा बढ़ा देते हैं " पीले -पोमचे " ...राजस्थानी संस्कृति में परिधान (3)वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-55158855574273338272020-04-21T19:58:39.597-07:002020-04-21T19:58:39.597-07:00लड़की के जन्म के समय किस रंग का पोमचा पहना जाता है...लड़की के जन्म के समय किस रंग का पोमचा पहना जाता हैदशरथ पारीकhttps://www.blogger.com/profile/13208967813255768304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-87151291962035334642012-05-06T05:21:04.544-07:002012-05-06T05:21:04.544-07:00पोमचा ...
मातृत्व और स्नेह प्रेम से जुड़े इस पीत ...पोमचा ... <br />मातृत्व और स्नेह प्रेम से जुड़े इस पीत परिधान के बारे में पहली बार ही जाना ... <br />आपका आभार है इस बेजोड जानकारी के लिए ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-35426174338746563862012-05-03T19:28:45.847-07:002012-05-03T19:28:45.847-07:00हम तो धन्य हुए ..यह सब जानकार ...!हम तो धन्य हुए ..यह सब जानकार ...!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-80403051934524431622012-05-03T01:19:16.973-07:002012-05-03T01:19:16.973-07:00सच कहा आपने...जिसके भी मन में ममत्व भाव बोध हो ,वह...सच कहा आपने...जिसके भी मन में ममत्व भाव बोध हो ,वह माता होती है, केवल बच्चे को जन्म देने वाली ही माता नहीं...<br /><br />आज आपकी राजस्थानी संस्कृति को उकेरे तीनों पोस्टों को एकसाथ ही पढने का सौभाग्य मिला..सच कहूँ तो अजीब से रोमांच की स्थिति बन गयी..<br /><br />हमारे पुरखे राजस्थान से आकर ही बिहार में बसे थे..अपनी संस्कृति को बचाए रखने का कितना प्रयास उन्होंने किया होगा अनुमानित किया जा सकता है..हालाँकि पूरा का पूरा तो नहीं, पर अभी तक काफी कुछ विद्यमान है..<br /><br />संभवतः यही कारन है की आज भी वहां का खान पान बोली भाषा, पहनावा हमें बरबस ही अपनी और खींच लेता है...<br /><br />आपका ह्रदय से आभार इस सुन्दर पोस्ट श्रृंखला के लिए...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-86948325438322091102012-05-02T00:24:03.011-07:002012-05-02T00:24:03.011-07:00बहुत ही रोचक और उपयोगी पोस्ट...आभार...बहुत ही रोचक और उपयोगी पोस्ट...आभार...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-57160744927300326092012-05-01T20:49:18.203-07:002012-05-01T20:49:18.203-07:00शिशु राम को भी पीला वस्त्र पहनाया गया है -
पीत झगु...शिशु राम को भी पीला वस्त्र पहनाया गया है -<br />पीत झगुलिया तन सोहे....पीला एक शुभ और अनुष्ठानिक रंग है !<br />दूल्हे दुल्हन की पियरी तो प्रसिद्ध ही है .....<br />पियरी का मतलब यह भी है जो प्रिय लगे ...<br />हल्दी लगाने की रस्म ही है ....Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-37494493202842913922012-05-01T01:55:21.306-07:002012-05-01T01:55:21.306-07:00Sahamat...Sahamat...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-9171452779257920962012-05-01T01:54:25.347-07:002012-05-01T01:54:25.347-07:00Pomcha naam pahali baar suna ..par prasuta ke liye...Pomcha naam pahali baar suna ..par prasuta ke liye pila pahnava dekha hai ....badhiya janakari...geet bahut umda...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-61435637860515048172012-04-30T08:21:57.060-07:002012-04-30T08:21:57.060-07:00"सार्थक ब्लॉग्गिंग के अभाव का रोना रोने वालों..."सार्थक ब्लॉग्गिंग के अभाव का रोना रोने वालों को ऐसी पोस्ट्स दिखनी चाहियें|" मेरी भी सम्मति।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-61562720688850630342012-04-30T08:20:13.557-07:002012-04-30T08:20:13.557-07:00रुचिपूर्ण व ज्ञानवर्द्धक दोनों! आभार।रुचिपूर्ण व ज्ञानवर्द्धक दोनों! आभार।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-44799889446750706272012-04-29T02:30:46.540-07:002012-04-29T02:30:46.540-07:00इस शृंखला के माध्यम से इतना कुछ जानना समझना, दोहरा...इस शृंखला के माध्यम से इतना कुछ जानना समझना, दोहराना बढ़िया अनुभव है।<br />आभार आपका।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-87232280754082089092012-04-29T02:29:30.728-07:002012-04-29T02:29:30.728-07:00बिलकुल सहमत हूँ!बिलकुल सहमत हूँ!Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-20964072277897957882012-04-27T21:08:19.900-07:002012-04-27T21:08:19.900-07:00बहुत सी बल्कि अधिकतर हमारी परम्पराएं ऐसी हैं जिनका...बहुत सी बल्कि अधिकतर हमारी परम्पराएं ऐसी हैं जिनका आमजन को औचित्य नहीं मालूम लेकिन वे स्वास्थ्य और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपना बहुत महत्व रखती हैं| संस्कृति और परम्पराओं पर प्रकाश डालती जानकारी भरी पोस्ट| सार्थक ब्लॉग्गिंग के अभाव का रोना रोने वालों को ऐसी पोस्ट्स दिखनी चाहियें|संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-23526838940179916112012-04-27T20:40:45.618-07:002012-04-27T20:40:45.618-07:00भारतीय संस्कृति में स्त्री की मान्यता मातृस्वर...भारतीय संस्कृति में स्त्री की मान्यता मातृस्वरूप में ही है इसी कारण मातृत्व प्राप्ति पर विशेष ध्यान दिया जाता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-28539264958003123252012-04-26T19:53:16.461-07:002012-04-26T19:53:16.461-07:00रोचक और ज्ञानवर्द्धकरोचक और ज्ञानवर्द्धकGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-73421839202608331512012-04-26T11:59:12.420-07:002012-04-26T11:59:12.420-07:00मान हो आता है हमारी इन परम्पराओं पर ..... मेरे तो ...मान हो आता है हमारी इन परम्पराओं पर ..... मेरे तो पीला,पोमचा चुनरी सब साथ ही रहते है.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-12182612944351886692012-04-26T10:09:13.820-07:002012-04-26T10:09:13.820-07:00इस तरह के आलेख ब्लॉग जगत की धरोहर होने जा रहे हैं।...इस तरह के आलेख ब्लॉग जगत की धरोहर होने जा रहे हैं। आपने-अपने प्रदेश की सांस्कृतिक परंपराओं को आगे लाने का काम जो किया जा रहा है वह नायाब तोहफ़ा है। हम सब की न सिर्फ़ जानकारी में इजाफ़ा हो रहा है बल्कि इन सब परंपराओं से खुद को जुड़ा भी महसूस करते हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-82770920498393994432012-04-26T06:04:50.541-07:002012-04-26T06:04:50.541-07:00हमारे यहाँ भी नयी माँ को सोंठ-गुड़ आदि से बना व्यं...हमारे यहाँ भी नयी माँ को सोंठ-गुड़ आदि से बना व्यंजन दिया जाता है, जिसमें खूब मेवे वगैरह होते हैं. परिधान के विषय में तो मुझे कुछ खास नहीं मालूम.<br />राजस्थानी संस्कृति मुझे बहुत आकर्षित करती है. मेरा शोध-कार्य समाप्त होते ही सबसे पहले आपकी ये लेखमाला और रश्मि दी की कहानियाँ पढूँगी.muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-17498338312704666722012-04-26T03:13:37.513-07:002012-04-26T03:13:37.513-07:00पीले रंग का तो हमारी संस्कृति में ख़ास महत्त्व है...पीले रंग का तो हमारी संस्कृति में ख़ास महत्त्व है...बिहार में भी...बच्चे के जन्म के छः दिन बाद जो उत्सव होता है..उसमे माँ और बच्चे को पीले रंग के वस्त्र ही पहनाये जाते हैं.<br />शादी के समय भी कन्या को पीली साड़ी ही पहनाई जाती है.<br />पोमचा के विषय में पहली बार जाना.<br />उपयोगी आलेख.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-45618940686130602952012-04-26T00:38:22.737-07:002012-04-26T00:38:22.737-07:00रोचक जानकारी समेटे बहुत बढिया आलेख ………रोचक जानकारी समेटे बहुत बढिया आलेख ………vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-72727371348376431062012-04-25T23:36:49.605-07:002012-04-25T23:36:49.605-07:00रोचक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुये अच्छा लेख ...रोचक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुये अच्छा लेख ... वैसे कुछ परम्पराओं में वैज्ञानिकता होती है जिन्हें आज हम मात्र परंपरा मान लेते हैंसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-10007738514947709812012-04-25T23:17:45.903-07:002012-04-25T23:17:45.903-07:00रोचकता लिए हुए मनभावन प्रस्तुति।रोचकता लिए हुए मनभावन प्रस्तुति।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-30714257115493285392012-04-25T21:29:15.662-07:002012-04-25T21:29:15.662-07:00संस्कृति और विरासत को समेटे उत्तम लेख !संस्कृति और विरासत को समेटे उत्तम लेख !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-39540549358718247412012-04-25T21:24:57.744-07:002012-04-25T21:24:57.744-07:00परम्पराओं की बड़ी ही रोचक जानकारी।परम्पराओं की बड़ी ही रोचक जानकारी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-76338829806015523412012-04-25T21:00:34.870-07:002012-04-25T21:00:34.870-07:00मातृत्व , परम्परा , और एक सजीव दृश्य ..... कमाल का...मातृत्व , परम्परा , और एक सजीव दृश्य ..... कमाल का लिखा है . पढ़ते हुए कई एहसास इससे अलग उठते गएरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com