tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post70106463277536874..comments2024-03-12T00:43:05.067-07:00Comments on ज्ञानवाणी: मेरी बात ...खालिस गृहिणी वालीवाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-5878617325506231122009-12-05T18:36:38.341-08:002009-12-05T18:36:38.341-08:00वाणी जी,,,,
मंहगाई को तो आप ने काफी कोस ही दिया है...वाणी जी,,,,<br />मंहगाई को तो आप ने काफी कोस ही दिया है,,,,हमारे लिए कुछ नहीं छोड़ा है,,,,,<br /><br />हम शादी शुदा हैं,,,, बच्चों के पिता हैं ,,,<br />हमने भी पढ़ा है आपका लेख,,,,<br />एक बात और कहना चाहते हैं,,,, के भोजन पकाना केवल महिलाओं के लिए ही जरूरी नहीं होता ,,,,, ये एक ऐसी प्रक्रिया है जो दिल को सकूं देती है,,,, खाना पकाना अपने आप में राहत देने वाला काम है,,,,,,,<br /><br />समझ नहीं आया के हाथ में चमचा बेलन लेने के बाद किसी की आँखें लाल पीली कैसे रह सकती हैं.....<br />:)<br />:)manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-30760180136421189282009-12-04T02:52:48.421-08:002009-12-04T02:52:48.421-08:00बहुत दिलचस्प अंदाज़ में महंगाई उतरी है आपकी कलम से ...बहुत दिलचस्प अंदाज़ में महंगाई उतरी है आपकी कलम से ....पहले हिसाब किताब लिखा करते थे कितना खर्च किया ,अब वह बंद कर दिया है .क्यों की लिखा हुआ देख कर लगता था की इतनी महंगाई में भी कितना खा रहे हैं हम लोग :)रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-90494566040460350062009-12-03T04:52:53.700-08:002009-12-03T04:52:53.700-08:00वाह बहुत रोचक पोस्ट है । आप तो सर्वगुण सम्प्पन हैं...वाह बहुत रोचक पोस्ट है । आप तो सर्वगुण सम्प्पन हैं क्या बात है । आपली हर बात दिल पए लिख ली है। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-26094155014754657282009-12-03T03:53:49.507-08:002009-12-03T03:53:49.507-08:00vaah..kitni khoobi ke saath aap hamen kahan kahna ...vaah..kitni khoobi ke saath aap hamen kahan kahna ki sair kara layeen.wakai shabdon ki karigari ke saath pak kala mein bhi nipun hain aap.varshahttps://www.blogger.com/profile/03696490521458060753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-20763235491550564502009-12-03T01:17:35.469-08:002009-12-03T01:17:35.469-08:00जबतक आदमी जीता रहेगा उसका पेट उसके साथ अवश्य ही जी...जबतक आदमी जीता रहेगा उसका पेट उसके साथ अवश्य ही जीवित रहेगा..इसलिए यह विषय तो जीवन का आधारभूत विषय है जिसे आपने इतने सुन्दर तरीके से निभाया है कि क्या कहूँ...<br />बहुत ही सही कहा आपने...प्याज लहसुन के बिना सादा और शाकाहारी भोजन ही इस मंहगाई में थोड़ी रहत दे सकती है...और माड़वाडी भोजन तो सचमुच ऐसे होते हैं,जो जेब को राहत दे सकते हैं...आज के इस मंहगाई में किसी भी प्रान्त विशेष के वासी को अपने भोजन में वाजत को नियंत्रित रखने के लिए भारतीय होना पड़ेगा...यानि जहाँ भी सस्ता स्वादिष्ट विकल्प उपलब्ध हो उसे सहर्ष अपना लिया जाय..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-10467288630077513902009-12-03T00:10:25.934-08:002009-12-03T00:10:25.934-08:00महंगाई की मार से क्या महिला क्या पुरुष सभी जूझ रहे...महंगाई की मार से क्या महिला क्या पुरुष सभी जूझ रहे हैं ...... इसलिए सभी ने आपका जबरदस्त व्यंग पढ़ लिया ..... क्या शादिशुदा क्या कुंवारे ..........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-18950222818612794882009-12-02T22:01:59.200-08:002009-12-02T22:01:59.200-08:00बहुत ही अच्छा लिखा है आपने, सराहनीय प्रस्तुति, आ...बहुत ही अच्छा लिखा है आपने, सराहनीय प्रस्तुति, आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-78157152398798890292009-12-02T08:59:01.997-08:002009-12-02T08:59:01.997-08:00अच्छी रचना।अच्छी रचना।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-35579546854401712022009-12-02T08:36:28.233-08:002009-12-02T08:36:28.233-08:00स्वादिष्टस्वादिष्टUnknownhttps://www.blogger.com/profile/02401850721173039977noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-2964848085206194672009-12-02T08:05:56.835-08:002009-12-02T08:05:56.835-08:00इधर कुछ दिनों से एक महिला सपने में बार-बार नज़र आने...इधर कुछ दिनों से एक महिला सपने में बार-बार नज़र आने लगी है ....चमचा बेलन हाथ में लिए अपनी लाल लाल आँखों से घूरते उलाहने देती ....बड़ा प्रचार कर रखा है अपना साधारण गृहणी होने का ......कभी की है कोई गृहणी वाली बात ......जब देखो गीत, ग़ज़ल ,संस्मरण,कथा,कहानी ......पहचानने की कोशिश करती हूँ ......बड़ी सी बिंदी .....कभी कभी किसी और नाम से भी .....है न ...? मैंने भी देखा है अगर वही है तो .....पर खूब पहचाना आपने ......!!<br /><br />वाह आप तो पाक कला में भी निपुण <br />हैं .......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-70894518749522210232009-12-01T20:56:14.819-08:002009-12-01T20:56:14.819-08:00आपके "जो कुंवारे हैं वो क्यों पढेंगे" कह...आपके "जो कुंवारे हैं वो क्यों पढेंगे" कहने के बावजूद हम जैसे कई कुंवारे इसे पढ़ गए :)अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-50697351397511662982009-12-01T20:51:15.719-08:002009-12-01T20:51:15.719-08:00बड़ा ही रोचक लेख है येबड़ा ही रोचक लेख है येअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-75933146110359932972009-12-01T11:54:27.141-08:002009-12-01T11:54:27.141-08:00हमको भी महंगाई ने मारा,
तुमको भी महंगाई ने मारा,
इ...हमको भी महंगाई ने मारा,<br />तुमको भी महंगाई ने मारा,<br />इस महंगाई को मार डालो...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-52360322080631981802009-12-01T07:40:57.014-08:002009-12-01T07:40:57.014-08:00अजी हम शादी शुदा है, ओर आप का लेख हम दोनो ने पढा ब...अजी हम शादी शुदा है, ओर आप का लेख हम दोनो ने पढा बहुत अच्छा लगा, लेकिन हम ना सताये है ओर नही ही आघाए, अजी हम ने तो अगले कई जन्मो का ठेका ले लिया है इन के संग रहने का, बाकी उस सपने वाली से आप ने सावधान कर दिया अच्छा किया, वेसे आप तो महिला है इस से उस के बारे लिख दिया, अगर वो किसी मर्द के सपने मै आये तो बेचारा किसी को बता भी नही सकता...बस यही भजेगा... जल तु जलाल तु आई बला को टाल तु...<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-30636454686321151342009-12-01T06:08:20.685-08:002009-12-01T06:08:20.685-08:00लो जी हमने तो पढ़ लिया!
अंजाम का पता नही क्या होगा...लो जी हमने तो पढ़ लिया!<br />अंजाम का पता नही क्या होगा!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-33131528418509974612009-12-01T05:41:51.031-08:002009-12-01T05:41:51.031-08:00देखिये बासमती चांवल बहुत ही मंहगे हो गये है उनको ख...देखिये बासमती चांवल बहुत ही मंहगे हो गये है उनको खाने से सबका क्षेत्रफल बढ़ता ही है तो परमल चावल खाए जाये अब आपने इतनी सब्जिया गिना दी है जिससे बजट संतुलित किया जा सकता है<br />पर बच्चो के लिए भी तो कुछ हो ?आज मैंने सोचा मुन्गोड़े बना लू पर मूंग कि डाल के भाव देखकर और बरनी में एक पाव मूंग डाल देखकर हैदराबादी चना दाल वडा बना लिया |<br />चने कि दाल के खूब व्यंजन बन जाते है भिगोकर पीठी बनाकर भूनकर नारियल डालकर बढिया पोष्टिक उपमा बन जाता है पूरनपोली बनाओ खूब भजिये बनाओ और भी बहूत अब शायद ज्यादा हो गया<br />हाँ हींग कहाँ से मंगवाए क्योकि १०० रूपये तोला है इंदौर में |<br />आपकी पोस्ट बढ़िया लगीशोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-33900793246361915642009-12-01T04:11:57.890-08:002009-12-01T04:11:57.890-08:00आपने बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है। महंगाई तो है, लेक...आपने बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है। महंगाई तो है, लेकिन छोटी-छोटी सावधानियों से इसे परास्त किया जा सकता है। महंगाई का रोना रोने के बजाए, खाद्य वस्तुओं की कीमत, स्वाद और उनमें मौजूद पोषक तत्वों को ध्यान में रखते हुए कोई समाधानपरक रास्ता निकालने में ही भलाई है।Ashok Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/14682867703262882429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-82756656981296267182009-12-01T03:49:39.331-08:002009-12-01T03:49:39.331-08:00वाह, वाह्! हम नॉन लहसुन-प्याजेटेरियन के लिये आपका ...वाह, वाह्! हम नॉन लहसुन-प्याजेटेरियन के लिये आपका भोजन लगता है बहुत स्वादिष्ट होगा! <br />आपको बढ़िया खिचड़ी बनानी आती है या नहीं?!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-1283089972369079742009-12-01T03:25:29.658-08:002009-12-01T03:25:29.658-08:00अरे सुगड़ गृहिणी जी,
इ जो आप लाख टका का बातों का अ...अरे सुगड़ गृहिणी जी,<br />इ जो आप लाख टका का बातों का अम्बार लागाये हुए हैं.....हम तो हैरान हुए जा रहे हैं...कि तिरछी नजर ने दालों पर भी नज़र इस कदर गड़ाई हुई है.....<br />लेकिन आपने जो अपने कुटुंब के लोगों के क्षेत्रफल का जो खाका खींचा है .....आप उसमें फिट नहीं बैठती हैं.....काहे कि इक सपना हमको भी आता है.....और उसमें जो तन्वंगी आती है....वो कुछ और ही कहानी बताती है....<br />बाकि महगाई से लड़ने के आपके सारे नुस्खे दन दना दन दने दन हैं ....और अब मंहगाई कि तो बस समझिये कि शामत ही आई है....:):)स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-59834377824760591072009-12-01T01:46:13.520-08:002009-12-01T01:46:13.520-08:00अब सपनेवाली महिला को चैन मिलेगा......लेकिन इस महंग...अब सपनेवाली महिला को चैन मिलेगा......लेकिन इस महंगाई का क्या !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-57467572975027917722009-12-01T00:59:08.956-08:002009-12-01T00:59:08.956-08:00एकदम सही कहा दरअसल हम चाहे तो महंगाई का सामना बखूब...एकदम सही कहा दरअसल हम चाहे तो महंगाई का सामना बखूबी कर सकते है लेकिन हम बिलकुल उल्टा ही करते है मुझे कहने का तो हक नहीं बनता लेकिन कहे बिना रहा भी नहीं जाता .आज के ज़माने में पापड़ मूंग अदि घर पर बनाना तो शायद बंद ही हो चूका है दरअसल टीवी या सोने से समय बचे तब ना पापड़ ...............?????? आजकल ज्यादातर घरो में आटा भी पिसा उपयोग होता है भूसी कोयले की सिगरी का उपयोग अरे भाई अगर गैस ख़त्म हो जाये तो खाना बनेगा .................. बिलकुल नहीं .skjhttps://www.blogger.com/profile/02625930469002520458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-6463244526600190762009-11-30T23:08:45.543-08:002009-11-30T23:08:45.543-08:00बहुत ही रोचक लेख...कई सारे महत्वपूर्ण सुझाव मिले.
...बहुत ही रोचक लेख...कई सारे महत्वपूर्ण सुझाव मिले.<br />महिलाएं,चाहे कितनी ही विविध गतिविधियों में संलग्न हों...रसोई से दूर तो रह ही नहीं सकतीं...कई महिलायें रोज खुद से खाना नहीं बनातीं...या कभी भी नहीं बनातीं पर वे भी बच्चों के लिए जरूर नयी रेसिपी ट्राई करती हैं...और गृहणियों का तो सारा काम ब्रेक में ही होता है...एक पोस्ट पढ़ी ,कमेंट्स लिखे..किचेन का रुख किया...दूसरी पोस्ट..फिर वाशिंग मशीन ने बुला लिया...बड़ा रश्क होता जब पढ़ती हूँ...'सुबह की चाय की चुस्कियों के साथ ये पोस्ट पढ़ रहा हूँ.'...सुबह सुबह....और लैपटॉप???...हाँ, सपने में संभव है ..:)rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-67209829183991798122009-11-30T23:06:04.967-08:002009-11-30T23:06:04.967-08:00हम शादीशुदा ... अघाए .... वाले कैटेगरी के हैं, पढ़...हम शादीशुदा ... अघाए .... वाले कैटेगरी के हैं, पढ़कर .. करवट बदल कर हम भी सोने चल दिए हैं। जब नींद खुलेगी तो मंहगाई से भी लड़ लेंगे। तब तक.. एक सपना मैं भी देख लूं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-9764374458516873822009-11-30T22:12:18.371-08:002009-11-30T22:12:18.371-08:00मैं भी कुंवारा हूँ..... फिर भी मैंने पूरा लेख पढ़ा...मैं भी कुंवारा हूँ..... फिर भी मैंने पूरा लेख पढ़ा .... <br /><br />दी...... पढ़ के बहुत अच्छा लगा.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7676889437502455189.post-71371905593672406442009-11-30T21:43:38.581-08:002009-11-30T21:43:38.581-08:00एक गृही ही एक कुशल गृहिणी से जुड़े जीवन के सुन्दरतम...एक गृही ही एक कुशल गृहिणी से जुड़े जीवन के सुन्दरतम अहसासों से तादात्म्य कर सकता है -इस लिहाज से हम तो यह गृहिणी सफरनामा पढ़ कर आप से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पा रहे हैं -क्या करें ,इतने विविध पकवानों की फेहरिस्त ललचा रही है तो दूसरे एक गृहिणी का कुशल चातुर्य भी प्रभावित किये बिना नहीं छोड़ रहा -मगर कहीं कुछ अधूरा अधूरा सा है ! हम नहीं मानते की यह कुशल गृहिणी सूक्ष्म काया वाली होगी -मगर इसे साबित भी कैसे किया जाय ?<br />बहरहाल इस प्रशस्त गृहिणी को मेरा स्नेहार्चन !<br />-एक गृही !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com