बुधवार, 6 अप्रैल 2011

माया की भारती .....


अपनी एक पोस्ट में मोहल्ले की सफाई कर्मी महिला "माया "के बारे में लिखा था ...अक्सर उसकी बेटी की पढ़ाई के बारे में पूछताछ करते रहती हूँ ...एक दिन बड़ी ख़ुशी -ख़ुशी कहने लगी ," आपके घर कौन सा अखबार आता है, मेरी बेटी ने रविन्द्र मंच पर अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव में भाग लिया था , उस अखबार में उसकी फोटो छपी थी ...कार्यक्रम की सूचना और रिपोर्ट और तस्वीरें तो बहुत से अखबार में है , मगर मेरी बेटी की तस्वीर उस विशेष अखबार में ".... चूँकि मैं वह समाचार पत्र नहीं लेती ,उसको थोड़ी निराशा हुई ..आगे उसने बताया कि भारती (माया की बेटी ) का उस विद्यालय में आखिरी साल है , अब उसे दूसरी स्कूल में एडमिशन दिलाना है , मगर आर्थिक और सामाजिक मजबूरियों के कारण शायद यह संभव नहीं हो पाए ...

मुझे लगा कि भारती का परिचय ब्लॉग पर लिखना चाहिए ...ब्लॉग के बारे में वो नहीं समझती ...उसे लगा कि उसकी बेटी का परिचय अखबार में लिखा जाएगा , और उसकी इच्छाशक्ति तो देखिये , वर्षा जी ने डेली न्यूज़ में इस पर लिखने की अनुमति दे दी ...



भारती चंडालिया
भारती चंडालिया ... पिता का नाम कैलाश चंडालिया ... माता का नाम माया चंडालिया ... मैं लिटिल स्कॉलर्स स्कूल , मानसरोवर में पढ़ती हूँ ... मेरे मातापिता बहुत मेहनती हैं ... मैं शिक्षिका बनकर अपने माता पिता का नाम रौशन करना चाहती हूँ ......
अपना यह परिचय उसने अंग्रेजी में लिख कर दिया और उसके साथ दो सर्टिफिकेट नत्थी थे ...

भारती ने बैडमिन्टन और स्पून रेस प्रतियोगिता में विद्यालय में पहला और दूसरा पुरस्कार भी प्राप्त किया है ...अभी कुछ दिनों पहले भारती ने जयपुर के रविन्द्र मंच पर विद्यालय के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भी भाग लिया था ...
पहली नजर में इतना कुछ ख़ास नहीं नजर आता इस परिचय में ...मगर यदि इस परिचय को घर -घर कचरा इकठ्ठा करने वाली सफाईकर्मी की पुत्री के रूप में देखें तो .....

आम सफाईकर्मियों से अलग साफ़ सुथरे रहने वाले व्यवहारकुशल माया और कैलाश (भारती के माता- पिता ) अपने बच्चों की शिक्षा के लिए बहुत जागरूक है ...माया बड़े उत्साह से बताती है कि उसके बच्चे अंग्रेजी माध्यम वाले डे -बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते हैं ....इस वर्ष उसकी बेटी आठवीं की परीक्षा दे रही है ....अब उनकी समस्या यह है कि उसके बच्चे जिस विद्यालय में पढ़ते हैं , वह सिर्फ आठवीं तक ही है , इसके बाद भारती को दूसरे विद्यालय में प्रवेश लेना होगा ...उसकी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के उत्साह को देखते हुए यहाँ विद्यालय प्रबंधन ने उनकी आधी फीस माफ कर दी थी ...मगर नए सत्र में बढ़ी हुई फीस दरें आधी करने पर भी आर्थिक बोझ को बढ़ाएंगी ही, माया की चिंता है कि वह इतनी फीस कहाँ से चुका पायेगी ...उधर भारती रो -रोकर हलकान अपनी माँ से कह रही है कि उसे अच्छी स्कूल में ही दाखिला दिलाये , सड़कों की सफाई और कचरा एकत्रित करने में वह उसकी मदद कर देगी , मगर उसकी शिक्षा में खलल ना डाला जाए ...हालाँकि माया स्वयं भी अच्छे स्कूल में अपनी बेटी के एडमिशन के लिए प्रयासरत है मगर उसे एक उम्मीद भी है कि कोई सहृदय विद्यालय प्रबंधन उसकी बेटी की अच्छी शिक्षा में उसकी मदद कर दे तो भारती का भविष्य संवर जाए ...

इस परिवार का जो गुण बहुत प्रभावित करता है ,वह है अपने काम को छोटा नहीं मानना ....बच्चे अपनी माँ के साथ कचरा एकत्रित करने में कोई हेठी नहीं समझते हैं , इसे लेकर उनके मन में कोई हीन भावना नहीं है , कम से कम अभी तक तो ....अल्प आयवर्ग के अस्पृश्य माने जाने वाले लोगों में अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति इतनी जागरूकता और समाज की मुख्य धारा में सामान्य व्यक्ति की तरह ही जुड़ना एक सुखद बदलाव है ...समाज को सुशिक्षित बनाने में प्रयासरत जागरूक समाजसेवी यदि मदद कर सके तो इन हौसलों को पंख लग जाए और भारती की आँखों के सपने साकार हो और सामने हो एक स्वतंत्र खुला आसमान ...

सफाई कर्मियों में शिक्षा को लेकर ऐसी जागरूकता और जुझारूपन प्रभावित करता ही है , साथ ही ऐसे ही दूसरे अभिभावकों के लिए उत्प्रेरक का कार्य भी !

35 टिप्‍पणियां:

  1. सभी स्कूलों को कुछ प्रतिशत तक निःशुल्क गरीब बच्चों को प्रवेश देना आवश्यक है। नगर के सब से अच्छे स्कूल में प्रवेश दिलाया जा सकता है। आप भी इस प्रयास में शामिल हो सकती हैं।

    जवाब देंहटाएं
  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  3. शिक्षा के प्रति यह जागरूकता समाज में शुभ-लक्षण है।भारती को अवश्य अच्छा स्कूल मिलेगा।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी पोस्ट है आपकी वाणी जी ! भारती के लिये हमारी ढेर सारी शुभकामनायें हैं ! इतनी प्रतिभाशाली बच्ची का अच्छी स्कूल में दाखिला होना ही चाहिये ! अगर आपकी तरह चंद प्रबुद्ध उदारमना लोग स्कूल के प्रिंसीपल से मिल कर बात करें और भारती के दाखिले के लिये उनसे प्रार्थना करें तो निश्चित ही वे भारती को अपने स्कूल में दाखिला भी देंगे और फीस भी माफ कर देंगे ! आपका यह जज्बा देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा ! मैंने भी अपने यहाँ काम करने वाली महरी की बेटी का स्कूल में इसी तरह दाखिला करवाया था ! आपके इस जज्बे को सलाम !

    जवाब देंहटाएं
  5. ज़रूरी है की शिक्षा का हक़ हर बच्चे को मिले.... भारती को शुभकामनायें ....सार्थक पोस्ट

    जवाब देंहटाएं
  6. शिक्षा के प्रति ऐसी ललक निश्चय ही इस परिवार की तकदीर बदल देगी ....
    ये चंडालिया उपनाम क्यों हुआ? इसके साथ तो कोई प्रपंच नहीं जुड़ा हुआ है ?

    जवाब देंहटाएं
  7. लोगों के पास पैसा है और उनमे से कई लोग 'कुछ' करना भी चाहते हैं.बस उन्हें राह दिखाने वाला चाहिये.पिछले बाईस सालों से मैं प्रतिभाशाली और जरुरतमंद बच्चों के लिए थोड़ा बहुत कर रही हूँ. आप किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क करे जो इस बच्ची की पढाई का खर्च उठाने को तैयार हो वो चाहे केवल एक सत्र की पढाई का खर्च ही उठा ले. इस तरह इस बच्ची की पढ़ाई आगे तक जारी रह सकती है.मैं लोगों को मोटिवेट करती हूँ.खेतों खलिहानो से लाये गये ऐसे कई बच्चे आ शिक्षक,इंजिनीयर,एयरक्राफ्ट मेतिनेंस,कम्प्यूटर कोर्स करके ऑफिसर ग्रेड तक पहुँच गये हैं.मैंने उनसे कभी संपर्क नही रखा.किन्तु जब मिलते हैं .ऐसे ही किसी बच्चे का करियर बनाने का वचन देते हैं.शहर के डॉक्टर्स,व्यापारी,आदित्य कम्पनी के ऑफिसर्स ऐसे कई लोग है जो इस तरह बच्चों कि पढाई का खर्च उठा रहे है.
    बाबु! ये काम आपको आत्म संतुष्टि तो देगा ही स्वभाव में जबर्दस्त धैर्य रखना भी आ जायेगा क्योंकि जरूरी नही शुरू में लोग आपको रिस्पोंस दे ही.
    किन्तु हम सब ऐसा कर सकते हैं.कई बार गोस्वामीजी ड्यूटी से आते ही मुझे गले लगा कर कहते है आज एक इंजिनीयर ट्रेनी आया था उसने मेरे पैर छुए और बताया कि मैडम के कारन मेरी पढाई पूरी हुई और मैं आज यहाँ हूँ'
    ऐसे में मन को बहुत सुकून मिलता है.उसने 'एप्रिसिएट' किया इसलिए??? हाँ इसलिए भी कि हमने किसी के लिए कुछ अच्छा किया.और...ईश्वर की दी इस जिंदगी का हमने कुछ तो सही यूज किया.
    करके देखो बहुत खुशी मिलेगी. बाद में इन बच्चो को पार्ट टाइम जॉब में लगा कर उन्हें अपनी पढाई का खर्च खुद उठाने के लिए प्रेरित करे.हमे मदद करनी है.निकम्मों की फ़ौज तैयार नही करनी है.इसलिए कौन दिज़र्विंग है और कौन नही इसकी परख भी हमे होनी चाहिये.
    पोस्ट के लिए बधाई और...प्यार.

    जवाब देंहटाएं
  8. शिक्षा के माध्यम से ही हर क्षेत्र में जागरूकता फैलाई जा सकती है... भारती के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  9. भारती का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल है, क्‍योंकि अब आपने उसका हाथ थाम लिया है। उसे हमारी शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  10. भारती की लगन और आप जैसे लोगों का संबल देश की दिशा निर्धारित करने की क्षमता रखता है . साधुवाद .

    जवाब देंहटाएं
  11. भारती के लिए शुभकामनाएं। आप शिक्षा का अधिकार यानी आरटीई के प्रावधानों के तहत भी उसके लिए प्रवेश के मौके देख सकती हैं।

    जवाब देंहटाएं
  12. ज़रूरी है की शिक्षा का हक़ हर बच्चे को मिले.... निःशुल्क गरीब बच्चों को प्रवेश देना आवश्यक है। भारती के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  13. ज़िन्दगी बनाने के लिए ऐसी ही कर्मठता चाहिए ... कमल की पहचान कभी धूमिल नहीं होती , न कभी उसका हौसला टूटता है , भारती के साथ कई कदम साथ होंगे, मैं भी हूँ- जब ज़रूरत हो मुझे भी पुकारे .... और मेरा आशीर्वाद उसे

    जवाब देंहटाएं
  14. आपकी सहृदयता और मार्गदर्शन जिसके साथ है उसे आगे बढ़ने से कौन रोक सकता है .

    जवाब देंहटाएं
  15. भारती को बधाई और उसे उसका मुकाम जरूर हासिल होगा बस एक बार कोशिश करने की देर है सरकारी और गैर सरकारी संगठन इसमे सहयोग जरूर करेंगे या जिसमे दाखिला ले वहाँ अपने पुराने स्कूल की प्रिंसिपल से एक लैटर लिखवा ले हो सकता है फ़ीस कम से काम ली जाये और वो आगे की पढाई ढंग से कर सके।

    जवाब देंहटाएं
  16. माया की भारती को मेरा आशीर्वाद!
    अन्ना हजारे जी का समर्थन करता हूँ!

    जवाब देंहटाएं
  17. भारती जैसी लड़कियां इतिहास रचेंगी ...भारती के लिए शुभकामनायें ...इंदु जी की बात से सहमत हूँ ...डेली नेवस में उसके बारे में पढ़ कर अच्छा लगा ...आपके प्रयास के लिए सराहना ...

    जवाब देंहटाएं
  18. भारती अपने माता पिता का नाम रोशन करेगी, मेरी शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  19. भारती कोई नाम नहीं है यह एक प्रवृत्ति है और इस प्रवृत्ति को बढावा मिलना ही चाहिये

    जवाब देंहटाएं
  20. भारती एक प्रतीक है संघर्ष से अपने लक्ष्य तक पहुँचने का और वो अपने मंसूबों को पूरा करने में कामयाब होगी. शुभकामनाएं !

    जवाब देंहटाएं
  21. bharti ko bahut bahut shubhkaamnaye. aapke is kary me mera bhi kuchh yogdan ho paye to mujhe khushi hogi.

    जवाब देंहटाएं
  22. कुछ बच्चे ज्यादा भाग्यशाली होते हैं जो धनाढ्य घरों में पैदा होते हैं । लेकिन कुछ बच्चे कर्मयोगी होते हैं , जिन्हें अपने बल बूते पर सफलता मिलती है । भारती को शुभकामनायें ।

    जवाब देंहटाएं
  23. जागरूकता, लगन और त्याग का अनूठा संगम है यह परिवार। आपने इसे हम सबके सामने लाकर बहुत ही सराहनीय काम किया है।

    जवाब देंहटाएं
  24. ऐसे ही कुछ उदाहरण देख कर आशा बनी रहती है कि सूरत बदलेगी जरुर.
    भारती जरुर अपने लक्ष्य में कामयाब होगी ऐसे लोगों की भगवान भी मदद करते हैं.
    समस्त शुभकामनाये.

    जवाब देंहटाएं
  25. भारती की पढ़ाई के प्रति लगन देखकर बहुत ही अच्छा लगा..उस से भी ज्यादा , शिक्षा के प्रति उसके माता-पिता का लगाव.
    उसकी पढ़ाई बाधित ना हो..इसकी असीम शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  26. भारती को बहुत बहुत शुभकामनाये |
    मै ऐसे २३ बच्चो को सरकारी विधालय में दाखला करवा चुकी हूँ जो आज कक्षा ७ के विद्यार्थी है .इसमें ज्यादातर लड़कियां ही है और अपनी पढाई के प्रति जागरूक भी है |
    ऐसे कई लोग है जो एक बच्चे को साल भर पढ़ने का खर्चा उठाते है |इंदुजी ने ठीक ही कहा है बल्कि उनके यहाँ से भी मदद मिल सकती है |

    जवाब देंहटाएं
  27. आगे की पढाई के मामले में आपके मोहल्लेवाले उसकी मदद क्यों नहीं करते ?

    जवाब देंहटाएं
  28. भारती को शुभकामनायें (और आप को नमस्कार्) इन्दु जी, शोभना जी और अली जी के विचार भी ध्यान देने योग्य हैं।

    जवाब देंहटाएं
  29. @ समाचार पत्र में छपने के बाद अच्छा सहयोग मिला है उसको ...उसके पिता ने भावविभोर होते हुए बताया की हमारे मोहल्ले से एक व्यक्ति ने भारती को साईकिल दी है ... उसके समाज के अलावा भी काफी लोंग आगे आये हैं उसकी मदद करने के लिए .. !

    जवाब देंहटाएं
  30. vaniji
    anumati jaisa kuch nahin hota..yah to dotarfa sanwaad hai...shukriya aapka ki aapki nazar bharti ke hunar par gayee.

    जवाब देंहटाएं
  31. बहुत अच्छी पोस्ट...अच्छा लगा पढकर

    जवाब देंहटाएं
  32. उत्कृष्ट पोस्ट!
    अपने आस पास ऐसे चरित्र मिल ही जाते हैं, जो एक ही पीढ़ी में प्रगति की कई पायदान पार कर रहे हैं।
    बहुत पहले मैने भी पोस्ट लिखी थी - समाज में तरक्की तो है – नेवस्टी गया है मोनू| उसमें भी इसी तरह के भाव हैं!

    जवाब देंहटाएं
  33. बहुत अच्छा लगा ये पोस्ट पढ़कर. डेली न्यूज़ का लिंक काम नहीं कर रहा.

    जवाब देंहटाएं
  34. mein mansarover hee rahtaa hoo. kis clas kee padhai hai is bar aur fees kitaabo ka kharcha kya hai agar bataaye to dosto ke saath milkar socha ja sakta hai. kamsekam ek koshish kar sakte hain.
    hari sharma 9001896079

    जवाब देंहटाएं