ताऊ तेरी रामप्यारी !!
उस दिन जब ताऊ अपने ब्लॉग पर रचनाएँ आमंत्रित कर रहा था ...रामप्यारी की बहुत सी सखियों की तो बांछें खुल गयी ...ज्यादा क्या कहूं ..आप सब जानते हो इस युग के सखा और सखियों के बारे में...सारी की सारी लग गयी ...अब आयेगा मजा ...जम कर रामप्यारी की पोल खोलेंगे ....पर ये ताऊ कम ना है ...पूरी फीडबैक रखे है ...झट रचनाएँ आमंत्रित करने का आप्शन रद्द कर दिया ...मगर रामप्यारी की सखिओं को जो खडबडी लग गयी ...कहाँ मानती ...बहुत मान मनौवल करने लगीं ...अपने ब्लॉग पर ही लगा दो हमरी पोस्ट ...वोह ताऊ तो रामप्यारी के बारी में कुछ छपने न देगा ... हमने भी सोचा ...के फरक पड़ेगा ...थोडी रामप्यारी की सखिओं की भड़ास निकल जायेगी ...तो फिर सुनो किस्सा ...
एक बार ताऊ के दरबरिओं ने भड़का दिया ताऊ को ...कुछ पता है तमने ...तुम तो बड़े खुश हो रहे हो ...की रामप्यारी को घर घर की निगरानी पर लगा दिया है ...कुछ पता है ...यूँ आँख मूँद कर भरोसा करना ठीक ना है ...किसीने तो रामप्यारी के पीछे भी लगा निगरानी करने को ...बात ताऊ के जच गयी ...
इब क्या था ...ताऊ ने अपने तोते रामखिलावन को लगा दिया रामप्यारी के पीछे ...
जहाँ जहाँ रामप्यारी जाती ...रामखिलावन भी पीछे लगा रहता ....रामप्यारी परेशान ...यह कुन है जो रात दिन पीछे लगा रहता है ...रामखिलावन अपनी मीठी मीठी बातों के जाल में रामप्यारी ने फांसने की कोसिस करने लागा ...
कान खड़े हो गए रामप्यारी के ...वा भी कोई कम ना है ...ट्रेनिंग जो ताऊ ने दी सै ...
तो ...एक दिन रामखिलावन बड़े लाड से बोला ...
रामखिलावन :- रे रामप्यारी ...तू मन्ने भोत अच्छी लागने लागी है ।
रामप्यारी :- तू भी मन्ने भोत अच्छा लागे है ।
रामखिलावन :- तो फिर बणा ले ना अपना ..
रामप्यारी :- ये तो कोई बात ना हुई ...काळ कोई और अच्छा लागने लगेगा ...।
रामखिलावन :- ना...रामप्यारी ...तू आखिरी होगी ।
रामप्यारी :- ओये रामखिलावन ...भीगी लकड़ी की जलावन ...मैं तेरी थोडी ना बोल री हूँ ...
मैं तो अपनी बात करे थी ...!!
बेचारा राम खिलावन जा पड़ा ताऊ के चरणों में ...ताऊ ये तेरी रामप्यारी !!
और ताऊ अपने मुछों पर ताव देता मुस्कुराता रहा ....देखा मेरी ट्रेनिंग का असर ....बेचारे दरबारी अपना मुंह लटका कर रह गए ।
जैसा की रामप्यारी की सखी रामदुलारी ने बताया ...
उस दिन जब ताऊ अपने ब्लॉग पर रचनाएँ आमंत्रित कर रहा था ...रामप्यारी की बहुत सी सखियों की तो बांछें खुल गयी ...ज्यादा क्या कहूं ..आप सब जानते हो इस युग के सखा और सखियों के बारे में...सारी की सारी लग गयी ...अब आयेगा मजा ...जम कर रामप्यारी की पोल खोलेंगे ....पर ये ताऊ कम ना है ...पूरी फीडबैक रखे है ...झट रचनाएँ आमंत्रित करने का आप्शन रद्द कर दिया ...मगर रामप्यारी की सखिओं को जो खडबडी लग गयी ...कहाँ मानती ...बहुत मान मनौवल करने लगीं ...अपने ब्लॉग पर ही लगा दो हमरी पोस्ट ...वोह ताऊ तो रामप्यारी के बारी में कुछ छपने न देगा ... हमने भी सोचा ...के फरक पड़ेगा ...थोडी रामप्यारी की सखिओं की भड़ास निकल जायेगी ...तो फिर सुनो किस्सा ...
एक बार ताऊ के दरबरिओं ने भड़का दिया ताऊ को ...कुछ पता है तमने ...तुम तो बड़े खुश हो रहे हो ...की रामप्यारी को घर घर की निगरानी पर लगा दिया है ...कुछ पता है ...यूँ आँख मूँद कर भरोसा करना ठीक ना है ...किसीने तो रामप्यारी के पीछे भी लगा निगरानी करने को ...बात ताऊ के जच गयी ...
इब क्या था ...ताऊ ने अपने तोते रामखिलावन को लगा दिया रामप्यारी के पीछे ...
जहाँ जहाँ रामप्यारी जाती ...रामखिलावन भी पीछे लगा रहता ....रामप्यारी परेशान ...यह कुन है जो रात दिन पीछे लगा रहता है ...रामखिलावन अपनी मीठी मीठी बातों के जाल में रामप्यारी ने फांसने की कोसिस करने लागा ...
कान खड़े हो गए रामप्यारी के ...वा भी कोई कम ना है ...ट्रेनिंग जो ताऊ ने दी सै ...
तो ...एक दिन रामखिलावन बड़े लाड से बोला ...
रामखिलावन :- रे रामप्यारी ...तू मन्ने भोत अच्छी लागने लागी है ।
रामप्यारी :- तू भी मन्ने भोत अच्छा लागे है ।
रामखिलावन :- तो फिर बणा ले ना अपना ..
रामप्यारी :- ये तो कोई बात ना हुई ...काळ कोई और अच्छा लागने लगेगा ...।
रामखिलावन :- ना...रामप्यारी ...तू आखिरी होगी ।
रामप्यारी :- ओये रामखिलावन ...भीगी लकड़ी की जलावन ...मैं तेरी थोडी ना बोल री हूँ ...
मैं तो अपनी बात करे थी ...!!
बेचारा राम खिलावन जा पड़ा ताऊ के चरणों में ...ताऊ ये तेरी रामप्यारी !!
और ताऊ अपने मुछों पर ताव देता मुस्कुराता रहा ....देखा मेरी ट्रेनिंग का असर ....बेचारे दरबारी अपना मुंह लटका कर रह गए ।
जैसा की रामप्यारी की सखी रामदुलारी ने बताया ...
ताऊ की रामप्यारी बड़ी सयानी है, बड़े बड़ों की खबर ले लेती है ।
जवाब देंहटाएंउसकी सखी रामदुलारी का भी कोई चित्र दिखाइये । वैसे सखी रामप्यारी की है तो चतुर तो होगी ही, सुन्दर भी होगी ।
हमारी रामप्यारी अभी तो बच्ची है जी...वो तो समय की मांग थी तो क्लास में पढ़ाने लग गई है..अभी से ये सब कहाँ समझ पायेगी वो बेचारी..खामखाँ बदनामी और लग गई!!!
जवाब देंहटाएंरामप्यारी ऐसे ही रामप्यारी नही है.:) वो दांतों के बीच जीभ जैसी चपलता रखती है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अबकी मिलने दो इस रामखिलावन के बच्चे को. इसके पंख नही नोंच दिये तो मेरा भी नाम रामप्यारी नही है. जरुर आपको ये किस्सा उसी ने बताया होगा?
जवाब देंहटाएंभाई इसमें ताऊ का कसूर ना है...दुनिया की सारी राम प्यारियां ऐसी ही हुआ करें हैं...जो इनके इशक में पढ़या समझो राम को प्यारा हुआ...
जवाब देंहटाएंनीरज
हाहाहा...
जवाब देंहटाएंरामप्यारी इतनी सयानी हो गई है.. हमें तो पता ही नहीं था.. :)
अब मालूम पडा कि रामप्यारी की कोई रामदुलारी नाम की सखी भी है. और सुना है कि उसी के द्वारा पहेलियों के रिजल्ट भी आऊट करवा देती है. जरा इस रामदुलारी का पता ठीकाना भी बता देती तो एकाध बार ताऊ की पहेली हम भी जीत लेते.:)
जवाब देंहटाएंसही विषय चुना। सही कहा।
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