शुक्रवार, 26 मार्च 2021

सखियों की चौपाल (होलियाना)

 पत्नी -  आपको वाट्सएप मैसेज किया था सुबह . अभी तक देखा नहीं!

पति- तुम्हें पता तो है मैं नहीं देख पाता किसी का मैसेज.

पत्नी - क्या मतलब है तुम्हारा. मैं 'किसी' में  हूँ.

पति - अरे बाबा... 1000 मैसेज बिना पढ़े रखे हैं. उनकी अपडेट में तुम्हारा मैसेज नीचे चला गया होगा.

पत्नी - सही है वैसे. तुम्हारे फोन में वाट्सएप मैसेज पढ़ने जैसा क्या है.  (जोर से)

कैसे कैसे तो ग्रुप हैं.  फलाना समाज, ढ़िकरा कॉलोनी,  अनाप वैवाहिक विज्ञापन ग्रुप, शनाप रिटायर्ड ग्रुप, फलाने गुरूजी, आध्यात्मिक संदेश... क्या पढ़ने का मन करेगा. तुम्हें नींद आने के बाद कभी  तुम्हारा फोन चेक करती हूँ तो मैं ही बोर हो जाती हूँ... (धीमे से बड़बड़)

पति- क्या कह रही हो. जोर से बोलो न!

पत्नी - नहीं. सब्जी क्या बनाऊँ!! 😊

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सखियों की चौपाल- 

एक सखी-  पति पत्नी दोनों सोशल मीडिया में सक्रिय हो तो आपस में झगड़ा कम होता है. दोनों उसी में लगे रहते हैं. लड़ना झगड़ना भी वहीं चलता रहता है.

दूसरी सखी-  मेरे पति का क्या करूँ. वो तो फेसबूक,  वाट्सएप ज्यादा चलाते ही नहीं. सरसरी नजर से देखकर रह जाते हैं. रिटायर होने के बाद घर में ही रहना पड़ता है तो सारा झगड़ा आमने सामने ही होता रहता है.

पहली सखी-  ऐसा करो. उनका  वाट्सएप नंबर अपनी सखियों वाले ग्रुप में अपडेट कर दो. फिर देखना . उसी में व्यस्त रहेंगे . तो लड़ना झगड़ना भी नहीं होगा .

दूसरी सखी -  ना रे. . वो तो मेरी सखियों को आँख उठा कर भी नहीं देखते. सामने हो तो आँखें नीची कर साइड से निकल जाते हैं.

पहली सखी -  तो फिर समस्या तुम्हारा पति नहीं, सखियाँ हैं.उन्हें ही बदल डालो 😂