रविवार, 22 नवंबर 2009

तुम याद आए ...बहुत याद आए



तुम्हारा
हाथ हाथ में लिए
नहर के किनारे
सरसों के खेतों की पगडंडियों पर
गुनगुनी धूप में
देर तक चलते
दूर जाती ट्रेन की आवाज से पलटते
आबादी से दूर पाकर ख़ुद को
भाग कर हांफते हुए लौटते
कितने गीतों के मुखड़े साथ गुनगुनाये
आज वे गीत जब किसी ने गाये
तुम याद आए.....
बहुत याद आए .......



26 टिप्‍पणियां:

  1. वाह जी और क्या खूब याद आए...बहुत सरल और सुंदर रचना
    अजय कुमार झा

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  2. सुमधुर यादों को उकेरती सुन्दर सी रचना !

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  3. तुम याद आये , बहुत याद आये , न पता क्यों बस यादे ही रह जाती है । लाजवाब रचना

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  4. chalte hum tum door bahut door....daal haathon mein haath..... bewajah ....bematlab.... yun hi....

    kuch kuch aisi hi ....aapki yeh kavita lagi di....

    di.... abhi maine jo upar lines likhi hain.... wo meri ek kavita ki hai..... pata nahi kahan kho gayi hai... aaaj aapki yeh kavita dekhi to achanak uski shuruaati lines yaad aa gyin.....

    di.... bahut hi sunder kavita likhi aapne....

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  5. सुन्दर, अंतिम पांच पंक्तियाँ लाजबाब दिल को छूने वाली !

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  6. बहुत खूबसूरत बयानी..............शानदार!
    नज़्म छोटी है मगर बहुत ही दिलकश नज़्म!

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  7. aise hi sukun deta hai
    prakriti ka aanchal
    khusi milti hai jab
    nahar ke kinare kisi
    apne ka haath thamen chalen
    beta ma ka haath thame,
    beti pitah ka
    preysi priya ka
    bhai bahan ka
    ekatmak lagegi shristi sari.


    niece poem
    aise hi likhte rahen
    chetna-ujala.blogspot.com

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  8. aise hi sukun deta hai
    prakriti ka aanchal
    khusi milti hai jab
    nahar ke kinare kisi
    apne ka haath thamen chalen
    beta ma ka haath thame,
    beti pitah ka
    preysi priya ka
    bhai bahan ka
    ekatmak lagegi shristi sari.


    niece poem
    aise hi likhte rahen
    chetna-ujala.blogspot.com

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  9. yaad kar lete hai ulfat ke fsaane kitne......gungunati dhoop me der tak chalna...train ki awaaz......behad khoobsurat ahsaas...

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  10. भावपूर्ण ओर बहुत सुंदर रचना जी.
    धन्यवाद

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  11. प्यार के कुछ हसीन लम्हों को याद करती भोली भाली रचना,

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  12. गीत कितनी आसानी से हमें जोड़ते हैं संवेदनाओं से । कविता खूबसूरत है । आभार ।

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  13. नगमें हैं, शिकवे हैं, किस्से हैं , बातें हैं....
    बातें भूल जातीं हैं ,,,यादें याद आतीं.....
    ये यादें किसी दिलो जानम के चले जाने के बाद याद आतीं हैं.....
    कविता ने बस मन में घर कर लिया.....

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  14. वाह .......... दिल में सीधी उतर गयी ............. क्या कमाल का लिख़ा है .......... वो जब याद आये ...........

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  15. बहुत सुंदर कविता के लिए बधाई हो... शुभकामनाएं।

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  16. बहुत सुन्दर यादों मे खो जाना भी कभी कभी कितना स्कून देता है । रचना बहुत सुन्दर है बधाई

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  17. याद तो बरबस आती है जी, उसके निमित्त/बहाने अलग अलग होते हैं।
    बहुत सुन्दर लगी यह कविता।

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  18. सरसों के खेतों की पगडंडि‍यों पर तो उन्‍हें याद आना ही होता है... आपने वो गीत तो सुना ही होगा टूटी चूड़ी....

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  19. saral ,sunder,or ahsason se bhari rachna....dil ke bhaut kareeb si lagi.
    babhut shukriya blog tak aane ka.

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