प्यार तुम्हारा मेरे भीतर है जमी बर्फ सा
पिघल जाएगा तुम्हारा एहसास पाकर ही नदी सा
सोचा था भूल जाउंगी तुम्हे
भूल रही हूँ तुम्हे
मगर नही भ्रम था सब मेरा
आज जब देखा तुम्हे
देखा वो भी ख्वाब में
सीने में भर आया उबाल सा
आँखों में उतर आया दरिया सा
प्यार तुम्हारा मेरे भीतर है जमी बर्फ सा
पिघल गया तुम्हारा एहसास पाकर ही नदी सा