शाम को जब राजा में महल में भोजन परोसा जा रहा था तो यूनानी मेहमान को जिज्ञासा थी यह जानने की आखिर दुनिया की सबसे मीठी कौन सी चीज़ परोसी गयी है । भोजन की मेज विविध पकवानों से सजी थी। मेज के बीचो बीच एक लाल मखमली कपडे से ढकी एक प्लेट थी ।
राजा ने यूनानी मित्र से मखमली कपडे को हटाने का अनुरोध करते हुए कहा " देख लो मित्र , यह है दुनिया की सबसे मीठी चीज । प्लेट में रखी चीज को देखकर राजा हतप्रभ रह गया । वह एक जुबान थी ।
राजा ने कहा ," माना कि यह पशु की कटी जुबान है , मगर प्रतीक एक रूप में इसने अपना उपयोग सिद्ध कर दिया है । मित्र , जबान की मिठास ह्रदय व मस्तिष्क को छू जाती है था इससे अधिक मीठा कुछ नहीं हो सकता ।"
यूनानी सम्राट राजा की बात से सहमत होता हुआ मानव वाणी की महता एवं अभूतपूर्व शक्ति के बारे में सोचता रहा।
भोजन समाप्त होने के बाद यूनानी सम्राट ने अपने मित्र और मेजबान रोमान राजा से अनुरोध किया । " मित्र, मैं कल पुनः भोजन का आमंत्रण चाहता हूँ और आपसे विश्व की सबसे कडवी वस्तु परोसने का आग्रह करता हूँ ।"
रोमन राजा ने उसके यह बात मान ली । दूसरे दिन शाम को फिर वही दृश्य था । अनगिनत सुस्वादु पकवानों से सजी मेज पर बीचोबीच नीले रंग के मखमल से ढकी वस्तु रखी थी । राजा ने यूनानी मित्र से प्लेट से मखमली कपडा हटाने का अनुरोध करते हुए कहा ," यह लो मित्र , दुनिया की सबसे कडवी चीज ।" यूनानी सम्राट ने कपडा हटाया तो फिर प्लेट में फिर से कटी जबान को देखकर आश्चर्यचकित रह गया । उसने राजा से पूछा ," यह दुनिया की सबसे कडवी चीज भी कैसे हुई "??
राजा का जवाब था , " हाँ मित्र , यही सच है । विश्व की सबसे मीठी चीज भी जबान थी और सबसे कडवी चीज भी जबान ही है । मीठी जबान ह्रदय और मस्तिष्क को तृप्त करती है तो यही जबान कडवी होकर हृदय और मस्तिष्क को जबरदस्त आघात भी पहुंचा सकती है . अतः इसका उपयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए "
यूनानी सम्राट अपने रोमन राजा मित्र की समझदारी और व्यवहारकुशलता से मुग्ध हुआ ।
हमारे जीवन में अपने दृष्टिकोण और चिंतन को सुन्दर व सकारात्मक बनाने की सबसे अधिक आवश्यकता है । वाणी तो मन व मस्तिष्क के अधीन है ।
हम दूसरों के गुण देखें , कमियां नहीं। स्थितियों और पैर्स्थितियों में अच्छाई देखें , बुराई नहीं । आशावादी बने , निराशावादी नहीं । धैर्य रखे और अनावश्यक क्रोध ना करे तो जीवन सहज और सरल हो सकेगा ।
अच्छा सोचें , अच्छा बोले , सुन्दर कल्पनाएँ करें , उठें , उडान भरें , चहकें , गुनगुनाएं , मुस्कुराएँ और आनद का विस्तार करें......जीवन की यही सार्थकता है
संकलित
चित्र गूगल से साभार ....