आज कल एक रुपये मे होता क्या है...मन में ये शब्द दुहराते कही कुछ अटकने लगता है ....
होता क्यूँ नहीं ..बहुत कुछ होता है .....
एक रूपये का जिक्र आते ही आँखों के सामने अपनी प्यारी सी गुल्लक घूम जाती है ....और उसके अन्दर खनकते चम् चम् चमकदार एक रूपये के सिक्के ... .त्योहारों पर इन एक रुपयों की जमा पूंजी से ही अनगिन खुशिया आयी हैं ......गुल्लक को फोड़ते उन एक रुपयों की चमक आँखों में उतर आती है ... बूँद -बूँद कर सागर भरने जैसा या पुल के निर्माण के लिए गिलहरी के समुद्र को सोखने के प्रयास करने जैसा ही है इस एक रुपये का महत्व ...
एक रुपये की कीमत क्या होती है ......
विशेष त्योहारों या गाँव के मेले में जाने के लिए जब नानाजी और नानीजी और घर के बड़े बुजुर्ग अलग-अलग एक रुपया थमाते थे तो अपने उस एक दिन के लिए तो किसी करोडपति से कम नहीं हो जाते थे ...ख्वाबों के ऊँचे आसमान को छू आते उस एक रूपये की ही बदौलत ... एक रुपये में पूरा मेला घुमा जा सकता था ...और क्या-क्या नहीं किया जा सकता था ...झूला , आईसक्रीम , खिलौने ....बस तब दुनिया इतनी ही तो होती थी ...
आजकल एक रूपये में क्या होता है ....होता है ...बहुत कुछ होता है ...नहीं होता तो सारी मार्केटिंग कंपनियां अपनी कीमते एक रूपये कम 99,999,9999. पर ही क्यों अटका कर रखती ....बस एक रुपया कम होने से ही कीमत के कम होने का भान होने लगता है ...
एक रूपये में वाशिंग पावडर , शैम्पू , तेल , टॉफी...आदि बेच कर कंपनियां अरबों का कारोबार कर रही हैं ...
रिक्शेवाले ,सब्जियों के ठेले वाले और उनसे एक -एक रुपया कम कराने के लिए झिक- झिक करने वाली वाली गृहिणियां इस एक रूपये के जादू को खूब समझती हैं ...
सड़क के किनारे बूट पोलिश करने वाले , चौराहों पर रेड लाईट पर रुके अमीरों के वाहनों के शीशे साफ़ करते , अखबार लेने की गुहार करने वाले इन नन्हे मुन्ने कामगारों के लिए इस एक रूपये का मतलब उनकी मासूम मुस्कुराहट में कई बार आंकी है ..
शादियों या शुभ कार्यों में एक रुपया कितनी रौनक ले आता है ...भेट , बख्शीश में दिए जाने वाले १०,२०,५०,१०० रूपये इनके साथ एक और रूपये रख देने से सम्मान का प्रतीक बन जाते हैं ...
एक रुपये की कीमत तो है ....एक एक रूपये कर के अपना बैंक अकाउंट मेंटेन करने वाले करोडपति भिखारियों की कहानी तो कई बार सुन चुके ...
बस फर्क ये हो गया है कि महज एक रुपये में अब किसी का पेट नहीं भरा जा सकता ...गरीब का भी नहीं ...अमीरों का तो करोडो से भी नहीं भरा जा सकता ....उनकी भूख का समाधान अरबों रुपये के पास भी नहीं है तो इस एक रुपये की क्या बिसात ...
बहुत कमाल है ये एक रुपया ...
चित्र गूगल से साभार ....
सच में एक रुपये की गिरती साख को आपके आलेख ने कितनी ऊंचाई और विस्तार दे दिया है ! पढ़ कर मज़ा आ गया ! वरना आजकल तो जब भिखारी भी एक रुपये का सिक्का देख मुंह बिचका कर चला जाता है और हमारी सदाशयता को बौना कर जाता है तो मन बड़ा खट्टा हो जाता है ! सुन्दर पोस्ट के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंऔर बतलाऊं
जवाब देंहटाएंएक रुपये का कमाल
एक पैसा ही कर रहा है बातों से मालामाल
अब एक पैसा भी हो गया है अनमोल
चाहो तो खुलकर पैसे पैसे में लो बोल
पैसे और रुपये का संचार माध्यम में
मोबाइल फोन में सराहा जा रहा है रोल
आकार तो है इसका सदा से ही गोल
इसने कर दी है बातचीत की दुनिय
मोबाइल फोनों पर खिलखिलाती दुनिया
चारों तरफ हमारे सामने धूम मचाती दुनिया
रूपये की कीमत और एक रूपया
जवाब देंहटाएंविचारणीय है पर आपकी रचना ने उन दिनों की याद दिला दी जब हमें प्रतिदिन 10 या 20 पैसे मिला करते थे और हम खुद को सम्पन्न समझ कर इतराते थे.
सुन्दर आलेख
प्रशंसनीय ।
जवाब देंहटाएंवाह !!
जवाब देंहटाएंगज़ब लिख दिया...इसे पढ़ कर बचपन की एक कविता याद आ गयी...
रुपैये में सेर भर आलू या खाजा ..ऐसा ही कुछ था...
एक रुपैये की महत्ता अभी भी है...
आज भी अगर कहीं गिरा हुआ एक रुपैय्या मिल जाए तो आँखों में चमक आ ही जाती है...
बहुत खूब लिखा है....
और फिर एक गाना तो है ही.....आज के सन्दर्भ में अगर सब इस बात को नहीं मानते लेकिन कुछ तो मानते ही हैं....वो अरबपति, खरबपति लोगों का तो यह नॅशनल अन्थम है.....हाँ नहीं तो....!!
ना बीवी न बच्चा न बाप बड़ा न मैया ...दी होल थिंग इज दैट कि भईया सबसे बड़ा रुपैया....
आपका बहुत-बहुत आभार , मुझे तो पता ही नहीं था कि इसके इतने उपयोग हैं ।
जवाब देंहटाएंताज्जुब है मैं भी इन दिनों ऐसा ही कुछ सिक्का चिंतन ही कर रहा था ....मुश्किल है की मुझे अब एक और दो के सिक्को में कोई फर्क नजर नहीं आता और अक्सर एक की जगह दो देता जा रहा हूँ और लोग बनही कितने लीचड़ कि मेरा एक वापस नहीं करते ...आखिर एक की वेलू है ही ना -आप भी यही कह रही हैं !अब तो मेरे लुट गए एक के सिक्को की चिंता हो आयी है -कोई तो लौटाओ मेरे वे एक के सिक्के ...
जवाब देंहटाएंसही है...शानदार चिन्तन!
जवाब देंहटाएं1 rupaye ki mahima aparampaar...bada hi rochak aalekh
जवाब देंहटाएंएक रुपए की महिमा का अद्बुत वर्णन किया जी , एकदम कमाल । हमारे पास अब भी गुल्लक में इनका परिवार आराम फ़रमा रहा है ।
जवाब देंहटाएंएक रुपये की सही महिमा बता दी है....वरना तो आज कल लोग एक रुपये को बड़ी हिकारत की नज़र से देखते हैं....बहुत बढ़िया ..
जवाब देंहटाएंsach mein bahut kamaal ka hai ye rupaiya aur kamaal ka aapka lekhan...
जवाब देंहटाएंSundar prastuti ke liye dhanyavaad.
मैं भी अक्सर ये सोचती हूँ की इस एक रुपये का कितना महत्त्व है... बहुत ही रोचक लिखा है आपने... एक विज्ञापन याद आ गया जिसका टाइटिल गीत है "मेरे देश में पैसा सिर्फ पैसा नहीं है " सच में, हमारे देश में पैसे को देवी लक्ष्मी से जोडकर देखा जाता है और एक रुपया तो बड़ा ही शुभ होता है...लेकिन साथ ही पोस्ट के अंत में आपने अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया है की अहम कितने ही गुण गा लें पर एक रुपये में किसी भूखे का पेट तो नहीं भर सकता ...
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअच्छा प्रसंग लिया बाणी जी, वैसे मेरा मानना है कि इस एक रूपये की भारतीय संस्कृति में महता को ध्यान में रखकर सरकार को एक रूपये का नोट छापना बंद नहीं करना चाहिए था! पर सरकार की नजरों में हिन्दू संस्कृति का इस देश में कोई महत्व ही नहीं !
जवाब देंहटाएंaage aage wo chale
जवाब देंहटाएंpichhe saare duniya
din na dekhe
raat na dekhe
pichhe padi hai duniya
arre aur nahi
kuchh aur nahi
ye to hai rupaiya
rupaiya
gol gol chanda sa rupaiya
gol gol chamkila sa rupaiya...........:P
शानदार लेखन्………।एक रुपये की महत्ता समझा दी……………बहुत खूब्।
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति। बधाई।
जवाब देंहटाएंएक रुपये की कीमत बच्चे जानते हैं ।
जवाब देंहटाएंएक रूपया ...प्रथम कड़ी होता है...सब कुछ इसके बाद ही आता है ...आपने बहुत सही फ़रमाया है ..पढ़कर अच्छा लगा ...हमारे गाँव में भी किसी शगुन के काम में एक रुपये की बहुत जरूरत होती है ..इसके बिना काम ही नहीं चलता ....///.हां एक बात है ..बचपन में हमारे लिए एक रुपये की कीमत सही होती थी आज कुछ कम ही लगती है ...अच्छी प्रस्तुति के लिए धन्यबाद
जवाब देंहटाएंhttp://athaah.blogspot.com/
वाणी जी,
जवाब देंहटाएंसुख और दुख में भी एक रुपये का ही फर्क होता है...अगर आपकी कमाई 100 रुपये है और खर्चा 101 तो आप तमाम ज़िंदगी दुखी रहेंगे और अगर आपकी कमाई 100 है और खर्चा 99 तो आप ताउम्र सुखी रहेंगे...
जय हिंद...
कभी बिल मै एक रुप्या कम देके देखो, इस एक रुपये की कीमत पता चल जायेगी
जवाब देंहटाएंकौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
जवाब देंहटाएंपुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा
कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
जवाब देंहटाएंपुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा
मन भावन पोस्ट,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पोस्ट |एक रूपये का महत्व आज भी है हमारे यहाँ जब लडके लडकी की बात पक्की होती है तो लडकी का पिता आज भी एक रूपये का सिक्का और नारियल देते है |ज्योतिष के अनुसार अगर १०, २० ५० या १०० रपये किसी को भेंट में देते है ,तो सम्बन्ध भी शून्य हो जाते है और एक का सिक्का रखने से या एक का नोट रखने से सम्बन्ध बढ़ते रहते है |
जवाब देंहटाएंअदाजी
जवाब देंहटाएंवो कहावत ऐसी है
अंधेर नगरी अंधेर राजा
टके सेर भाजी ,टके सेर खाजा |
रुपया वाकई कमाल है फर्क सिर्फ इतना है की एक ज़माने में पाई-पाई जोड़कर भी लोग लखपति हो जाते थे आजकल रिश्वत में रुपयों के सूटकेस देकर खरबपति होते हैं.
जवाब देंहटाएंएक रूपये पर चर्चा एक रूपये के सिक्के की खनक और ठनक के साथ ही किया है आपने ! आपकी इस सिक्का-चर्चा के द्वारा एक तरफ अतीत के गह्वर में जाता हूँ तो दूसरी तरफ वर्तमान में व्याप्त व्यावसायिक सच का भी साक्षात्कार करता हूँ !
जवाब देंहटाएंबचपन की याद आने लगी , इसलिए नहीं कि बचपन में बहुत गुल्लक बनाया करता था बल्कि इसलिए कि संयोग ही नहीं बन पाता था , बस बनाने को लेकर ललचाया करता था !
सुन्दर लगा एक रूपये पर आधारित यह सिक्कीय - चिंतन ! आभार !
@ शोभना जी ,
वैसे कहावत में 'चौपट' राजा है |
'' अंधेर नगरी , चौपट राजा / टका सेर भाजी ताका सेर खाजा |''
एक रुपये की महत्ता तो कभी नहीं होगी....किसी समारोह में जाते वक़्त ..जो खोज मचती है...एक रुपये की..:) पर बस ये किस्से हम आपस में ही शेयर करेंगे...आने वाली पीढ़ी ५ रुपये की बात करेंगे सुन्दर आलेख
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लेख..मज़ा आया पढ़कर..एक रूपये को नोट फिर से जारी हो गया है..आपके लेख का ही असर है शायद..:P
जवाब देंहटाएं