तुम्हारा हाथ हाथ में लिए
नहर के किनारे
सरसों के खेतों की पगडंडियों पर
गुनगुनी धूप में
देर तक चलते
दूर जाती ट्रेन की आवाज से पलटते
आबादी से दूर पाकर ख़ुद को
भाग कर हांफते हुए लौटते
कितने गीतों के मुखड़े साथ गुनगुनाये
आज वे गीत जब किसी ने गाये
तुम याद आए.....
बहुत याद आए .......
वाह जी और क्या खूब याद आए...बहुत सरल और सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
सुमधुर यादों को उकेरती सुन्दर सी रचना !
जवाब देंहटाएंशानदार/// भावपूर्ण!!
जवाब देंहटाएंतुम याद आये , बहुत याद आये , न पता क्यों बस यादे ही रह जाती है । लाजवाब रचना
जवाब देंहटाएंchalte hum tum door bahut door....daal haathon mein haath..... bewajah ....bematlab.... yun hi....
जवाब देंहटाएंkuch kuch aisi hi ....aapki yeh kavita lagi di....
di.... abhi maine jo upar lines likhi hain.... wo meri ek kavita ki hai..... pata nahi kahan kho gayi hai... aaaj aapki yeh kavita dekhi to achanak uski shuruaati lines yaad aa gyin.....
di.... bahut hi sunder kavita likhi aapne....
सुन्दर, अंतिम पांच पंक्तियाँ लाजबाब दिल को छूने वाली !
जवाब देंहटाएंक्या कहने...लाजवाब...
जवाब देंहटाएंनीरज
बहुत खूबसूरत बयानी..............शानदार!
जवाब देंहटाएंनज़्म छोटी है मगर बहुत ही दिलकश नज़्म!
aise hi sukun deta hai
जवाब देंहटाएंprakriti ka aanchal
khusi milti hai jab
nahar ke kinare kisi
apne ka haath thamen chalen
beta ma ka haath thame,
beti pitah ka
preysi priya ka
bhai bahan ka
ekatmak lagegi shristi sari.
niece poem
aise hi likhte rahen
chetna-ujala.blogspot.com
aise hi sukun deta hai
जवाब देंहटाएंprakriti ka aanchal
khusi milti hai jab
nahar ke kinare kisi
apne ka haath thamen chalen
beta ma ka haath thame,
beti pitah ka
preysi priya ka
bhai bahan ka
ekatmak lagegi shristi sari.
niece poem
aise hi likhte rahen
chetna-ujala.blogspot.com
buhut sundar! kya kahe...
जवाब देंहटाएंyaad kar lete hai ulfat ke fsaane kitne......gungunati dhoop me der tak chalna...train ki awaaz......behad khoobsurat ahsaas...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण ओर बहुत सुंदर रचना जी.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
प्यार के कुछ हसीन लम्हों को याद करती भोली भाली रचना,
जवाब देंहटाएंbahut hi badhiyaa
जवाब देंहटाएंगीत कितनी आसानी से हमें जोड़ते हैं संवेदनाओं से । कविता खूबसूरत है । आभार ।
जवाब देंहटाएंनगमें हैं, शिकवे हैं, किस्से हैं , बातें हैं....
जवाब देंहटाएंबातें भूल जातीं हैं ,,,यादें याद आतीं.....
ये यादें किसी दिलो जानम के चले जाने के बाद याद आतीं हैं.....
कविता ने बस मन में घर कर लिया.....
aabhaaree hoon
जवाब देंहटाएंदिल को छू लेने वाला गीत
जवाब देंहटाएंबधाई।
वाह .......... दिल में सीधी उतर गयी ............. क्या कमाल का लिख़ा है .......... वो जब याद आये ...........
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कविता के लिए बधाई हो... शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर यादों मे खो जाना भी कभी कभी कितना स्कून देता है । रचना बहुत सुन्दर है बधाई
जवाब देंहटाएंमन को छू जाने वाले भाव।
जवाब देंहटाएं------------------
क्या है कोई पहेली को बूझने वाला?
पढ़े-लिखे भी होते हैं अंधविश्वास का शिकार।
याद तो बरबस आती है जी, उसके निमित्त/बहाने अलग अलग होते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लगी यह कविता।
सरसों के खेतों की पगडंडियों पर तो उन्हें याद आना ही होता है... आपने वो गीत तो सुना ही होगा टूटी चूड़ी....
जवाब देंहटाएंsaral ,sunder,or ahsason se bhari rachna....dil ke bhaut kareeb si lagi.
जवाब देंहटाएंbabhut shukriya blog tak aane ka.