रविवार, 7 फ़रवरी 2010
अब जीना है मुझे भयमुक्त जीवन
जीने दो मुझे
मत डराओ
कि अब मैं डरने वाली नहीं हूँ
अब बस
जीना चाहती हूँ भयमुक्त जीवन
मरने से पहले ............
भर लू बाँहों में
खुला आसमान
फुद्फुदाती तितलियाँ
रंगबिरंगे फूल
सूरज की लालिमा
तुलसी की पवित्रता
चन्द्रमा की शीतलता
चिड़ियों का कलरव
नदियों की रुनझुन
हवाओं सी मस्ती
ख्यालों की बस्ती
सुरों की झंकार
शंख की पुकार
सब कुछ ........
समेट लेना चाहती हूँ
इन आँखों में भी
मरने से पहले .....
कि पा जाऊं
अनन्य अद्भुत शांति
सिमटी हो मेरी आँखों में
अंतस तक भिगोती स्निग्धता
बिखरी हो मेरे चेहरे पर
जो देती रहे साहस
जीने का हौसला
तमाम दुश्वारियों के बीच
कि आने वाली पीढ़ी कर सके यकीन
कि जीवन जीने के लिए है
ख़त्म करने के लिए नहीं
ख़त्म होने के लिए नहीं ........
जी लूं सांस भर जीवन
जाने कौन सी सांस आखिरी हो
दिला सकू यकीन
कितना कुछ यहाँ जीने के लिए
मरने से पहले .....
मन बहुत उदास है ....जिन आँखों ने अभी जीवन ठीक से देखा ही नहीं ....जिन सांसों ने जीवन ठीक से जिया ही नहीं ....माता पिता की आँखों की उम्मीद कैसे एक क्षण में तोड़ कर निर्मोही विदा हो जाते है ....जैसे जीने लायक इस जीवन में कुछ रहा ही नहीं ......क्यों .....!!
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चित्र गूगल से साभार
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बहुत मार्मिक और अवसादपूर्ण! काश हम कुछ कर सकते !
जवाब देंहटाएंमैं तो बस कविता पर कहूँगा। बाद की पंक्तियाँ अस्पष्ट सी हैं..
जवाब देंहटाएंआकाशगंगा को निहारते बहुत पहले
लगा था कि ज्योति पथ अनेकों हैं
एक तारा तोड़ टाँक दिया तन पर
अब हर पथ उजाले हैं।
ये तारा वो तारा नहीं बस एक तारा
चुनना सबको अलग अलग है।
मार्मिक रचना..
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंदी....बहुत ही मार्मिक कविता..... मन को झकझोर दिया है....
जवाब देंहटाएंबहुत मार्मिक..कुछ कहने को आज दिल भी नहीं कर रहा..
जवाब देंहटाएंशायद कल कुछ कह पाऊं..
अपना ख्याल रख..!!
बहुत ही मार्मिक रचना, निशब्द हुं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अवसाद के क्षणों में रचित एक मार्मिक रचना...शब्दों का चयन बहुत अच्छा है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना भय मुक्त जीवन ही तो जीवन है
जवाब देंहटाएंआभार...........
bahut hi marmik.
जवाब देंहटाएंऐसी कविता पर कोई क्या टीपेगा ..
जवाब देंहटाएंवाणी जी ! निःशब्द हूँ ..
मार्मिक रचना !
man ajeeb sa ho aaya
जवाब देंहटाएंbahut marmik rachna...apna khayal rakhhiyega.
जवाब देंहटाएंAameen! Bahuthee sundar rachana hai!
जवाब देंहटाएंमार्मिक भाव लिये आशावादी रचना ।
जवाब देंहटाएंआभार...!
सुंदर भाव की अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंदिल से निकली रचना....सबों के दिलों तक पहुंचती हुई....अन्दर तक भिगो गयी....now cheer up gril....we need ur smiling face....i mean smiling words..:)
जवाब देंहटाएंबहित ही मार्मिक अभिव्यक्ति!
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील और मर्म को छूती रचना ।
जवाब देंहटाएंखुद को निचोड़कर भी इस भाँति जीवन के सार्थक अस्तित्व की प्रतीति उदात्त भावना का प्रतिफलन है । शील का सुन्दर उदाहरण - करुणोदात्त शील !
ise kavita kahu yaa sach......ye jo bhi hai...hai bahut gahari....!!sach.....!!!
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