कल देव उठनी एकादशी थी .... गोधुली वेला में तुलसी विवाह पर तुलसी पूजन कर दीपो और कृत्रिम रौशनी की झिलमिलाहट से प्रफ्फुलित होते हए टेलीविजन ऑन किया तो स्तब्ध रह गए ...सीतापुर में भीषण आग ...देश की अब तक की सबसे भयावह आग.... इंडियन आयल के डिपो में ...जबरदस्त धमाकों ने भूकंप का एहसास करवाया ...अफरा तफरी मच गयी ...जितने भी परिचित और रिश्तेदार थे सबको फ़ोन कर उनके हाल चल पूछे ...पति के बड़े भाईसाहब का मकान उस इलाके के करीब होने के कारण चिंता और भी बढ़ गयी ...फ़ोन लगाया भतीजे को... .घटना की जानकारी देते हुए उसने बताया कालोनी के सभी लोग घरों में ताला लगा कर यहाँ मौजूद मन्दिर के प्रांगन में एकत्रित हो गए थे ...आग की लपेटे उन्हें आसानी से नजर आ रही थी ...किसी भी क्षण उन्हें पलायन करना पड़ सकता था ... उन्हें वहां से सुरक्षित निकल आने की सलाह देते हुए हर घड़ी ईश्वर से सब कुशल होने की प्रार्थना करते रहे ...
बड़े इलाके में बिजली सप्लाई रोक दिए जाने के कारण वे लोग शायद स्थिति की भयावहता का आकलन नही कर पाते हुए थोड़े निश्चिंत से नजर आ रहे थे जबकि टेलीविजन पर लगातार धूं धूं करती आग की लपटे तेजी से बढ़ रही थी ...30 किलोमीटर तक नजर आने वाली आग की इन लपटों को देखने के लिए आम तौर पर सुनसान नजर आने वाली छतों पर शोरगुल मचा हुआ था ...अभी तक आग पर काबू पाने का कोई तरीका नजर नही आ रहा है ... डिपो में मौजूद आयल के अपने आप जल कर नष्ट होने तक कुछ नही किया जा सकता ...
12 घंटे से लगातार आग उगलती ये लपटें जयपुर में 500 करोड़ का खरा नुकसान तो कर चुकी है ...सही आकलन तो इस आग पर काबू पाकर ही किया जा सकेगा ....फिलहाल तो पास में मौजूद दूसरे एल पी जी गोदाम तक आग ना पहुँच सके ...यही एहतियात बरती जा रही है ...खतरा टला नही है ....दिल्ली , मुंबई से एक्सपर्ट की टीम पहुँच चुकी है मगर आग रोक पाने का कोई पुख्ता इंतजाम नही कर पायेई हैं ..30 से भी अधिक दमकलें लगातार लगी हुई हैं ...सोहार्द्र के लिए जाने वाले हमारे शहर के वाशिंदे अपनी तमाम वैचारिक दुश्मनी भूल स्वास्थ्य सेवा और अपने घरों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे लोगों की मदद करने में तत्पर हैं ....
ईश्वर हमारे शहर को इस विपदा से जल्दी उबारे ....!!
नोट ....देव उठने एकादशी से पूर्णिमा तक के समय को देव दिवाली ही माना जाता है ...वैसे कार्तिक पूर्णिमा सम्पूर्ण भारत में देव दीपावली के रूप में जानी जाती है ...यह नोट ज्ञानदत्तजी की पोस्ट पढने के बाद लिखा है..!!
टी०वी० में दिखाये गए दृश्य सचमुच भयावह थे। बहुत नुकसान हुआ राष्ट्र का और यह देव दीपावली बहुत मँहगी साबित हुई।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com
ओह बहुत बुरी खबर है -जनहानि न हो पाए अब तो यही इश्वर से प्रार्थना है !
जवाब देंहटाएंबहुत दुखद घटना .. जान माल का कम से कम नुकसान हो .. ईश्वर से यही प्रार्थना है !!
जवाब देंहटाएंसचमुच बड़ी भयावह दुर्घटना..भगवान रक्षा करें!!!
जवाब देंहटाएंलावरवाही का साक्षात व दुखद परिणाम .....
जवाब देंहटाएंbahut hi dukhad ghatna......
जवाब देंहटाएंबहुत दुखद और भयावह।
जवाब देंहटाएंराष्ट्रमंडल खेलों के लिए कल भेजी गई मशाल की ज्वाला तुरंत ही जयपुर पहुंच गई लगती है। इसके लिए तो कोई शाल भी कारगर न हो सकेगी।
बहुत भयानक आग है. कल की सारी रात मित्रों और रिश्तेदारों के हालचाल पूछते ही बीती है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाणी जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही दुखद घटना है यह....राष्ट्र की संपत्ति तो नष्ट हुई ही है लेकिन ऐसी घटनाओं से पूरे शहर को मानसिक आघात ज्यादा पहुँचता है ....इससे उबरने में ईश्वर सहायता करे.....भगवान् सबके मनोबल को ऊँचा रखे....और जल्द से जल्द इसका निदान करे....
बहुत ही दुखद घटना, जिनके अपने उस जगह के आस-पास थे वह सब बेहद चिंतित रहे, और जो वहां थे उनकी मानसिक व्यथा को शब्दों में व्यक्त करना बहुत ही कठिन ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही दुखद घटना है यह.....
जवाब देंहटाएंbehad dukhad ghatna
जवाब देंहटाएंबहुत दुखद!!!
जवाब देंहटाएंहाँ तेल की आग बहुत भयंकर थी।
जवाब देंहटाएंहमारा तो जयपुर जाने वाला रेलगाड़ी यातायात तितर बितर हो गया। :-(
जवाब देंहटाएंअफ़सोस हुआ जानकर कल रात ही पता चला
जवाब देंहटाएंबहुत दुखद और अफसोसजनक हादसा..
जवाब देंहटाएंGyan ji dannya hain . Aajkal Ganga ko saaf karne ka bhagirath pryas kar rahe hain .
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